लखनऊ: भगवान शिव की पूजा-अराधना हर कोई अपने-अपने ढंग से करता है। गुरुवार (11 मार्च) को महाशिवरात्रि है और इस दिन अपने आराध्य को खुश करने के लिए भक्त हर संभव प्रयास करेंगे। मगर, क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग राशि वालों के लिए पूजन विधि भी अलग-अलग होती है।
भारत खबर से विशेष बातचीत में आचार्य राजेंद्र तिवारी ने बताया कि, भगवान भोलेनाथ के भक्तों को अपनी राशि के अनुसार पूजा और उनका रुद्राभिषेक करना चाहिए, जिससे महादेव से उनको मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके। तो आइए जानते हैं कि आचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार, किन राशि वालों को किस प्रकार से महादेव का रुद्राभिषेक करना चाहिए।
- मेष राशि: मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। ऐसे में इस राशि के लोग शरीर पर लाल रंग के वस्त्र धारणकर, गले में रुद्राक्ष की माला, माथे पर भस्म लगाकर ‘ऊं शिवाय नम:’ का जाप करते हुए भगवान शंकर का जलाभिषेक करें।
- वृष राशि: वृष राशि के स्वामी शुक्र देवता हैं। इस राशि में पैदा हुए लोग सफेद रंग का वस्त्र पहनकर, माथे पर भस्म लगाकर और गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर ‘ओम सोम धार्यणेय शिवाय नम:’ का जाप करें और जलाभिषेक करें।
- मिथुन राशि: मिथुन राशि के स्वामी बुद्ध देवता हैं। इसके जातक हरे रंग का वस्त्र पहनकर, माथे पर चंदन व भस्म लगाकर, गले में रुद्राक्ष पहनकर ‘ओम शिवाय मृत्युंजयाय भक्तवत्सलाय नम:’ का जाप करते हुए भगवान शंकर का जलाभिषेक करें।
- कर्क राशि: कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। इस राशि के जातक सफेद रंग के वस्त्र पहनकर, माथे पर चंदन व भस्म लगाकर, गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर ‘ओम शिवाय भक्तवत्सलाय जन तारणाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए जलाभिषेक करें।
- सिंह राशि: सिंह राशि के स्वामी भगवान सूर्य हैं। जिन जातकों का जन्म सिंह राशि में हुआ है, वह भगवान शंकर पर ‘ओम शिवाय मृत्युंजयाय भक्तवत्सलाय भवतारणाय नम:’ मंत्र के द्वारा भोलेबाबा का जलाभिषेक करें।
- कन्या राशि: कन्या राशि के स्वामी बुद्ध देवता हैं। वह बुद्धि के देवता हैं। कन्या राशि के जातक शरीर में हरे रंग का वस्त्र पहनकर, लोटे में जल लेकर ‘ओम भवानी शंकराय महारुद्राय भक्तवत्सलाय नम:’ मंत्र से जलाभिषेक करें।
- तुला राशि: तुला राशि के स्वामी भगवान शुक्र देवता हैं। शुक्र जी कला-कल्पनाओं के देवता हैं। तुला राशि वाले सफेद रंग का वस्त्र पहनकर, माथे पर चंदन-भस्म लगाकर, गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर ‘ओम देवदेवाय महादेवाय भक्तवत्सलाय त्रिपुरांतकाय: नम:’ मंत्र का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करें।
- वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देवता हैं। इस राशि के जातक माथे पर चंदन लगाकर, गले में रुद्राक्ष पहनकर ‘ओम त्रिपुरांतकाय महादेवाय भक्तवत्सलाय नम:’ मंत्र से भगवान शंकर पर जलाभिषेक करें।
- धनु राशि: धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं, जो विद्या, बुद्धि, ज्ञान के देवता हैं। जिन जातकों का जन्म धनु राशि में हुआ है, उन्हें शरीर पर पीले रंग का वस्त्र पहनकर, लोटे में जल लेकर ‘ओम आशुतोषाय शिवाय नम:’ इस मंत्र का जाप करके शिवजी का जलाभिषेक करना चाहिए।
- मकर राशि: मकर राशि के स्वामी भगवान शनि देव हैं। इनका रंग कृष्ण वर्ण है, इसलिए इसमें हमें पीले और सफेद दो रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मकर राशि वालों को ‘ओम शिवाय नम:’ इस मंत्र का जाप करते हुए जलाभिषेक करना चाहिए।
- कुंभ राशि: कुंभ राशि के स्वामी भी भगवान शनि देव हैं। कुंभ राशि के जातकों को माथे पर चंदन लगाकर, गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर और सफेद व पीले रंग का वस्त्र पहनना चाहिए। मंत्र के रूप में कुंभ राशि के जातकों को ‘ओम मृत्युंजयाय शिवाय: नम:’ मंत्र का जाप करते हुए भोले बाबा पर जल का अर्पण करना चाहिए।
- मीन राशि: मीन राशि के स्वामी भगवान बृहस्पति देवता हैं। मीन राशि के जातक शरीर में पीत वस्त्र यानि पीले रंग के वस्त्र पहनकर, माथे पर चंदन और गले में रुद्राक्ष पहनकर, एक लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ी हल्दी मिलाकर ‘ओम देवाधिदेवाय नम:’ बोलकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए जाप
इस तरह महाशिवरात्रि पर इन राशियों के जातक अगर प्रेम और श्रद्धा से जलाभिषेक करेंगे तो उनका कल्याण होता है। जलाभिषेक के साथ-साथ हमें ‘ओम नम: शिवाय’ का 108 बार जप करना चाहिए। संभव हो तो रुद्राक्ष की या चंदन की माला लेकर 108 बार भगवान का जप करना चाहिए। 108 जप वाली माला से ही भगवान का जप करना चाहिए, क्योंकि इससे हमें इच्छित फल की प्राप्ति होती है।