मुंबई। पीएम मोदी ने गुरूवार को मुंबई में देश की पहली स्कार्पीन क्लास की घातक पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया। पनडुब्बी के कमिशन का यह कार्यक्रम मुंबई मझगांव डोकयार्ड में हुआ। इस मौके पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा, फ्लैग अफसर कमांडिंग ऑफ द वेस्टर्न नेवल कमांड और वरिष्ठ रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे। आईएनएस कलवरी का गहरे समुद्र में 120 दिनों तक सघन परीक्षण हुआ है। इन परीक्षणों के दौरान उसके विभिन्न हथियारों का भी ट्रायल हुआ है।
बता दें कि नौसेना के एक अफसर का कहना है कि इस पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता में खासा इजाफा होगा। नौसेना की पनडुब्बी विंग की स्वर्ण जयंती के बाद स्कार्पीन स्तर की पनडुब्बियों का निर्माण अब फ्रेंच नेवल डिफेंस और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस मिलकर कर रहे हैं। इसका निर्माण भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में हुआ है। स्कार्पीन स्तर की इस पनडुब्बी में उच्च स्तरीय घातक हथियार लगाए गए हैं। यह पनडुब्बी जरा भी आवाज नहीं करती। इसका आकार हाइड्रो-डायनामिक है।
वहीं निर्देशित हथियारों के जरिए यह पनडुब्बी गुपचुप तरीके से अचूक हमले करती है। पनडुब्बी चाहे डूबी हो या सतह पर हो दोनो ही सूरतों में यह तारपीडो के अचूक निशाने लगाती है। भारतीय नौसेना स्कार्पीन स्तर की दूसरी पनडुब्बी आइएनएस खंडेरी का अभी परीक्षण चल रहा है। उसे भी जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
साथ ही कलवरी का नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली खूंखार टाइगर शार्क के नाम पर पड़ा है। हालांकि पहली फोक्सटोर्ट क्लास की आइएनएस कलवरी नाम की पनडुब्बी को सबसे पहले भारतीय नौसेना में 8 दिसंबर, 1967 को शामिल किया गया था। यह भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी थी। इसके तीन दशक के बाद 31 मई, 1996 में उसे डीकमीशन किया गया था।