मुंबई। महाराष्ट्र में किसान राज्य सरकार की नीति के खिलाफ और किसानों के कर्ज माफी को लेकर जल्द ही एक बड़े आंदोलन पर जा सकते हैं। किसानों ने इस बारे में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही उनको लेकर सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट ना की तो सूबे में किसान क्रांति के नाम पर आंदोलन शुरू हो जायेगा। हांलाकि सरकार किसानों के हित में कई फैसले करने का दावा कर रही है। लेकिन अपनी मांगो पर अड़े किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए साफ कह दिया है कि 1 जून से वे हड़लाप पर जा रहे हैं।
किसानों ने सरकार को अपनी मांगों को लेकर सरकार से कई बार कहा है। लेकिन राज्य सरकार उनकी दशा पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। किसानों के नेता जयाजी शिंदे का कहना है कि किसानों की समस्या कर्ज मुक्ति से हल हो सकती है। लेकिन सरकार है कि उनकी किसी मांग को मान नहीं रही है। ऐसे में किसानों के लिए हड़ताल पर जाना ही एक मात्र विकल्प बचा है। शिंदे मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हो रहे थे।
शिंदे की माने तो 1 जून से शहरों की ओर आने वाले दूध सब्जियां और अन्य उत्पादों का आवागमन नहीं होगा। उनका दावा है कि उनके साथ राज्य के सभी किसान इस आंदोलन में शरीक हो रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर का मानना है कि किसानों का हड़ताल पर जाना ठीक नहीं है। किसान तो अन्नदाता है। सरकार की लगातार कोशिश के कि उनसे बातचीत कर कोई हल निकाल लिया जायेगा।