नई दिल्ली। ऐसा कहा जाता है कि जीवन के असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु का संकट टालने के लिए सिर्फ एक ही उपाय है और वो है महामृत्युंजय मंत्र। महामृत्युंजय का जाप भगवान शिव से संबंधित होता है और माना जाता है इस मंत्र के प्रताप से मौत के मुहं से आदमी बाहर आ जाता है। बीमारी , एक्सीडेंट , ग्रहों की बदली हुई चाल और उम्र बढ़ाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। इस मंत्र का जाप करना हमेशा फलदायी साबित होता है लेकिन इसका जाप करते समय कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिसके कि आपको इसका पूरा लाभ मिल सके।
इस जाप को करते समय कई चीजों का ध्यान रखना जरुरी होता है लेकिन अगर इस मंत्र का जाप खुद नहीं कर पा रहे हैं तो पंडित से कराए। इस पूजा को करने के लिए शत्रुनाश व व्याधिनाश हेतु नमक के शिर्वाचन, रोग नाश हेतु गाय के गोबर के शिर्वाचन, 10 विधि लक्ष्मी प्राप्ति हेतु मक्खन के शिर्वाचन अन्य कई प्रकार के शिवलिंग बनाकर उनमें प्राण-प्रतिष्ठा कर विधि-विधान के द्वारा विशेष पुराणोक्त व वेदोक्त विधि से पूज्य होती रहती है।
महामृत्युंजय मंत्र:-
ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।