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महाभारत के शकुनि मामा को इस आत्मा की वजह से कोई नहीं हरा पाया..

shakuni 1 महाभारत के शकुनि मामा को इस आत्मा की वजह से कोई नहीं हरा पाया..

महाभारत के युद्ध और उसकी बर्बादी का सबसे बड़ा कारण शकुनि मामा को माना जाता है। यही कारण है कि, अकसर लोग शकुनि मामा को लेकर कई कहावते भी बोलते रहते हैं। लेकिन काफी कम लोग शकुनि मामा से जुड़े हुए रहस्यों के बारे में जानते होंगे आज हम आपको इन्हीं रहस्यों के बारे में बताने जा रहे है। जो आपके होश उड़ा देंगे।

shkuni 2 महाभारत के शकुनि मामा को इस आत्मा की वजह से कोई नहीं हरा पाया..
शकुनि गंधार राज का राजा था। गंधार अफगानिस्तान में स्थित है। ये भी कहा जाता है कि शकुनि धृतराष्ट्र से अंदर ही अंदर नफरत करता था। कहा जाता है कि शकुनि के पिता और उसके 100 भाइयों को धृतराष्ट्र ने बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। इस अत्याचार का शकुनि बदला लेना चाहता था, इसलिए उसने कौरवों का नाश करने की प्रतिज्ञा ली थी। और आगे चलकर उसी ने महाभारत के युद्ध को अंजाम दिया।
शकुनि के पिता का नाम सुबल था। जब सुबल और उनके सभी 100 पुत्रों को कारागार में बंदी बनाकर डाल दिया गया था। तो सभी ने ये प्रण किया उन पर किए गए अत्याचार का प्रतिशोध शकुनि लेगा। क्योंकि सभी भाइयों में शकुनि अधिक बुद्धिमान था. धृतराष्ट्र के अत्याचार की याद हमेशा बनी रहे इसके लिए शकुनि के भाइयों ने शकुनि की एक टांग तोड़ दी। इस तरह शकुनि लंगड़ा हुआ।

आपको जानकर हैरानी होगी कि, महाभारत की आग लगाने वाले शकुनि मामा महाभारत के अंतिम दिन मरा था। महाभारत के युद्ध समाप्त होने के दिन ही यानि 18 वें दिन शकुनि का सहदेव ने वध कर दिया था शकुनि के पुत्रों का वध अरावन और अर्जुन ने किया था। अरावन अर्जुन के पुत्र थे।यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि शकुनि के पास जुआ खेलने के लिए जो पासे होते थे वह उसके मृत पिता के रीढ़ की हड्डी के थे। अपने पिता की मृत्यु के पश्चात शकुनि ने उनकी कुछ हड्डियां अपने पास रख ली थीं। शकुनि जुआ खेलने में पारंगत था और उसने कौरवों में भी जुए के प्रति मोह जगा दिया था।कुरुक्षेत्र के युद्ध में शकुनि ने दुर्योधन का साथ दिया था। शकुनि जितनी नफरत कौरवों से करता था उतनी ही पांडवों से, क्योंकि उसे दोनों की ओर से दुख मिला था। पांडवों को शकुनि ने अनेक कष्ट दिए। भीम ने इसे अनेक अवसरों पर परेशान किया। महाभारत युद्ध में सहदेव ने शकुनि का इसके पुत्र सहित वध कर दिया।

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यही कारण है कि, महाभारत की गाथा में कौरवों के मामाश्री शकुनि को अपनी कुटिल बुद्धि के लिए विख्‍यात माना जाता है। छल, कपट और दुष्कृत्यों में माहिर शकुनि ने युद्ध तक पांडवों के विनाश के लिए कई चालें चली। और इसी के चलते महाभआरत का युद्ध हुआ।

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