मद्रास के एक छात्र का सरकारी नौकरी में वंदेमातरम की सही जानकारी ना होने पर फेल किए जाने के बाद छात्र ने हाईकोर्ट में वंदेमातरम की भाषा को साफ करने के लिए याचिका दाखिल कर डाली। जिसके बाद मद्रास हाई कोर्ट ने वंदेमातरम गाए जाने पर एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है कि अब हफ्ते में एक बार स्कूल, कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी में कम से कम एक बार वंदेमातरम गाया जाएगा।
हाईकोर्ट का फैसला है कि सरकारी दफ्तरों में अब महीने में कम से कम एक बार वंदेमातरम जरूर गाया जाएगा। दरअसल वीरामणी नामक छात्र सरकारी नौकरी की परीक्षा में फेल हो गया था। जानकारी के अनुसार वह सिर्फ एक नंबर से ही फेल हुआ था। वह इसलिए फेल हुआ था क्योंकि उसे इस पश्न का उत्तर नहीं आता था कि वंदेमातरम किस भाषा में लिखा हुआ है।
मीरामणी ने इस प्रश्न का उत्तर बंगाली भाषा बताया था। लेकिन उसका सही उत्तर संस्कृत है। इसको लेकर उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उसने वंदे मातरम की भाषा पर स्थिति साफ करने को कहा था। ऐसे में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में हफ्ते में एक बार जरूर वंदे मातरम बजाया जाएगा।
राज्य सूचना विभाग को वंदे मातरम सभी भाषाओं में अपलोड करना होगा
सोशल मीडिया पर भी इसे सभी भाषाओं में अपलोड करना होगा
सरकारी दफ्तर और प्राइवेट दफ्तर में महीने में एक बार इसे बजाया जाएगा।
कोर्ट का आदेश है कि अगर किसी को इससे परेशानी है तो उसे गाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
आदेश की एक कॉपी तमिलनाडु चीफ सेकेट्री को भेजी जाएगी।