मध्यप्रदेश में लंबे समय से शराबबंदी को लेकर आवाज उठ रही है। लेकिन अब शिवराज सरकार शराबबंदी की जगह नशा मुक्ति अभियान चलाने की तैयारी में दिखाई दे रही है। राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में सामाजिक संगठनों की मदद ली जाएगी। गौरतलब है कि राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रिगेड नेता उमा भारती लगाता शराबबंदी की मांग कर रही हैं। इसको लेकर उन्होंने राजधानी भोपाल में शराब की दुकानों में पत्थर भी चलाए थे। उमा भारती के इस कदम के बाद राज्य के कई हिस्सों में धरना प्रदर्शन भी किए गए और उन्होंने अपनी ही सरकार को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी शिवराज सरकार पर हमलावर हो गया है।
ऐसे में अब राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि वह शराबबंदी के पक्ष में नहीं है। सरकार से जुड़े कुछ लोगों के बयान के मुताबिक राज्य सरकार को शराब से आय प्राप्त होती है जिसकी वजह से वह शराबबंदी नहीं करना चाहती।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार किसी भी स्थिति में शराब को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं है यही कारण है कि वह नर्मदा किनारे की शराब दुकानों को बंद करवा रही है और जनता के साथ मिलकर नशा मुक्ति अभियान चलाएगी उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में जरूरी है कि हम सब मिलकर नशा मुक्ति का संकल्प लें और नशा मुक्ति आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।
गौरतलब है कि नई शराब नीति लागू होने के बाद राज्य के कई हिस्सों में शराब की दुकानों के स्थानों में बदलाव हुए हैं। कई तरह की रियायतों की वजह से सरकार को जनता के प्रति नाराजगी का भी सामना करना पड़ा है।
जिसको लेकर विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के लोग भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।