मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में स्थित कमला नेहरू अस्पताल में हुए हादसे में चार बच्चों की मौत हुई थी। जिनमें से एक के परिजन शव लेने से इनकार कर दिया है परिजनों का कहना है कि यह उनका बच्चा नहीं है। लिहाजा अब बच्चे के शव का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। हालांकि अभी तक बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मच्र्युी में सुरक्षित रखा गया है।
ये भी पढ़े : मध्यप्रदेश में सर्द हवाओं ने पकड़ी रफ्तार, घट रहा है तापमान
गौरतलब है कि कमला नेहरू अस्पताल में यह दुर्घटना सोमवार को आग लगने की वजह से हुई थी जिसमें चार बच्चों की मौत हुई है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि अस्पताल में हुए हादसे से 14 बच्चों की जान गई है। साथ ही सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मौत के सही आकड़े से छुपा रही है।
वहीं जिला अधिकारी अवनीश लवानिया ने राज्य सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है। उस रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में स्थित कमला नेहरू अस्पताल में एसएनसीयू आउटबॉर्न वार्ड में एक बच्चा के वेंटिलेटर, को चालू करने के लिए वहां उपस्थित डॉक्टर और नर्स ने प्लग लगवाया था। जिसने थोड़ी देर बाद स्पार्क होने की वजह से आग लगा गई। वही उपस्थित डॉक्टर में तुरंत फायर ब्रिगेड की टीम को कॉल किया और आग बुझाने के प्रयास करेंगे। अत्यधिक धुँआ होने के कारण काफी लोग अस्पताल में फस गए। वहीं घटनास्थल पर मौजूद मेडिकल स्टाफ और बच्चों के परिजनों कमरे की मौजूद खिड़कियों को तोड़कर धुआं बाहर निकालने का प्रयास किया। वही फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचने के बाद आखिरकार आग पर काबू पाया गया।