प्रदेश सरकार की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह ने कहा है कि 1 वर्ष में बदलेगी प्रदेश के शहरों की तस्वीर। माया ने शहरी नियोजन में स्थानीय संस्थाओं के साथ आमजन की भागीदारी को भी महत्वपूर्ण बताया।आपको बता दें कि माया सिंह आज प्रशासन अकादमी में आयोजित ‘मध्यप्रदेश में शहरी नियोजन का अगला चरण’ राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थीं।मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के अध्यक्ष कृष्णमुरारी मोघे ने समारोह की अध्यक्षता की।
नगरीय क्षेत्रों के ऐतिहासिक और पुरातत्वीय स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक स्वरूप प्रदान करना ही आज की आवश्यकता है
माया सिंह ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के ऐतिहासिक और पुरातत्वीय स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक स्वरूप प्रदान करना ही आज की आवश्यकता है। इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। एक लाख तथा 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के विकास की दूरगामी प्लानिंग की जायेगी। माया ने कहा कि यातायात के बढ़ते दबाव, पर्यावरण संतुलन, जनसंख्या का दबाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों को ध्यान में रखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा हस्तांतरणीय विकास अधिकार (TDR) और पारगमन उन्मुख विकास क्षेत्र (TOD) का नया स्वरूप तैयार किया गया है।
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शहरों के विकास की योजना भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जानी चाहिये-मोघे
हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष मोघे ने कहा कि शहरों के विकास की योजना भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस प्लानिंग में सभी वर्गों की भागीदारी और अन्तर विभागीय समन्वय भी आवश्यक है।प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में अर्बन प्लानिंग का समृद्ध इतिहास रहा है।जिसका जीता-जागता उदाहरण भोपाल शहर है।जो अपनी खूबसूरती के लिये जाना जाता है। उन्होंने कहा कि अन्य शहरों की बेहतर प्लानिंग के लिये यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन में प्राप्त निष्कर्षों का समावेश आगामी प्लानिंग में किया जायेगा।