कोरोना के खिलाफ मेड इन इंडिया दवा मोलनुपिराविर को भी मंजूरी मिल सकती है। कोविड रणनीति समूह के अध्यक्ष डॉ. राम विश्वकर्मा ने कहा, ‘कुछ दिनों’ के भीतर अनुमति मिल सकती है। यह दवा हल्के से मध्यम कोविड संक्रमित लोगों के लिए काम आएगी।
हालांकि यह बच्चों के लिए नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फाइजर समेत कुछ अन्य दवा कंपनियों ने भी आवेदन किया है। उन्होंने कहा, ‘दो दवाओं से फर्क पड़ेगा। जिस तरह से हम बीमारी के महामारी से स्थानिकता की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह दवाएं टीकाकरण से अधिक महत्वपूर्ण होंगी।’
विश्वकर्मा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मोलनुपिराविर हमारे लिए पहले से ही उपलब्ध होगा। पांच कंपनियां दवा निर्माता के साथ वार्ता कर रही हैं। मुझे लगता है कि किसी भी दिन मंजूरी मिल जाएगी।’ ऐसे में यह कहना उचित है कि अगले एक महीने में इस दवा के अप्रूवल पर फैसला हो जाएगा।
उन्होंने कहा- ‘मुझे लगता है कि जब भारत सरकार इन कंपनियों से थोक में दवा खरीदेगी। शुरू में इसका खर्च ‘2000 से 3000 या 4000 रुपये हर ट्रीटमेंट साइकल में खर्च हो सकता है। इसके बाद कीमतें 500 से 600 या 1,000 रुपये तक आ जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि मुझे लगता है मोलमनुपिरवीर जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी।