नई दिल्ली: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सुप्रीमो एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद 94 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। एम करुणानिधि का आज शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
मची भगदड़
वहीं राजाजी हॉल में रखे करुणानिधि के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के दौरान भगदड़ मच गई है। भगदड़ में 40 लोग घायल हुए हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। लेकिन आपको बता दें कि एम करुणानिधि के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें दफनाया जाएगा।
आखिर क्यों दफनाया जाएगा
अब सवाल यहां ये उठाता है कि भारत में तो हिंदुओं के निधन होने के बाद अंतिम संस्कार में पार्थिव शरीर को जालने की परंपरा है लेकिन करुणानीधि के पार्थिव शरीर को आखिर दफनाया क्यों जा रहा है? करुणानिधि को मरीना बीच पर ही दफनाया जाएगा, मद्रास हाईकोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है।
कावेरी अस्पताल में हुई थी मौत
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को कावेरी अस्पताल में करुणानिधि ने अंतिम सांस ली था। वे 94 वर्ष के थे। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और स्थिति बिगडऩे पर उन्हें 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके निधन का समाचार फैलते ही पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गयी। कल रात उनकी हालत गंभीर होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल के बाहर जमा होना शुरू हो गए थे और आज शाम भारी भीड़ जमा हो गई थी।
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by ankit tripathi