लखनऊ। लखनऊ के अब नगर निगम और सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों को भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार होगा। हालांकि इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों को मुख्य चिकित्साधिकारी से एनओसी लेनी होगी।
प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली मौतों के बाद परिवारीजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस कारण कई बार उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन सारी समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ने अब प्राइवेट अस्पतालों को भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है।
मार्च से 20 मई तक 11 से ज्यादा मृत्य प्रमाण पत्र हुए जारी
नगर निगम में एक काउंटर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी है। लेकिन, वहां पर पूरे शहर का दबाव होता है। आंकड़ों के नजरिए से देखें तो मार्च से लेकर अब तक करीब 11 हजार मृत्यु प्रमाण पत्र लखनऊ नगर निगम ने जारी किए हैं। इनमें से करीब पांच हजार मौतें मई माह में हुई हैं। नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कई-कई दिन लोगों को चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया जा रहा है।
जनवरी में भी आया था नियम
हालांकि यह नियम जनवरी में भी आया था। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया था कि कुछ बड़े अस्पतालों को ही यह अधिकार दिया जाएगा। जबकि आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ शहर में 1100 से ज्यादा रजिस्टर्ड अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या के बाद भी मजह 15 अस्पतालों को ही अधिकार दिया जा सका था।
रजिस्ट्रेशन होने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में की आनाकानी तो होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग से अप्रूवल के बाद प्राइवेट अस्पतालों को ही प्रमाण पत्र जारी करना होगा। अगर उसके बाद किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत मिलती है तो कार्रवाई भी की जाएगी। सभी प्राइवेट सेंटर में पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने का प्रमाण पत्र जारी करना होगा।
नगर निगम करेगा सत्यापन
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संजय भटनागर के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले पोर्टल का अधिकार दिया जाएगा। उसमें अस्पतालों को पूरी जानकारी भरनी होगी। उसके बाद उसे नगर निगम के जिस जोन में वह अस्पताल है, वहां के जोनल अधिकारी से उसको सत्यापन कराना होगा। पोर्टल पर पूरी जानकारी भरने के बाद उसे संबंधित जोनल अधिकारी के आईडी भेजा जाएगा। वहां से सत्यापन होने के बाद अस्पताल प्रिंट जारी कर सकेंगे।