लखनऊ: महज 28 दिनों में बनाकर तैयार की गई स्व. लालजी टंडन (बाबूजी) की प्रतिमा का आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर अनावरण हुआ। इस दौरान लखनऊ से सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री मोहसिन रज़ा, मंत्री बृजेश पाठक, मंत्री आशुतोष टंडन, लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया आदि मोजूद रहीं। बता दें कि ये 12.5 फीट की कास्य की प्रतिमा है। अटल चौक के नज़दीक मल्टी लेवल पार्किंग के निकट इस प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
लखनऊ की इनसाइक्लोपीडिया थे लालजी टंडन: राजनाथ सिंह
प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लालजी टंडन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए। उन्होंने कहा, धोती-कुर्ता पहने एक जिंदा दिल इंसान, जिसके चेहरे पर हमेशा रही मुस्कान, यही है लालजी टंडन की पहचान। बाबूजी लखनऊ की चाट के शौक़ीन थे। वो लखनऊ की इनसाइक्लोपीडिया थे। उनके पास लखनऊ से जुड़ी हर एक जानकारी रहती थी। वो भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृतियां हमारे बीच हमेशा जीवित रहेंगीं।’
हर कोई उनका प्रशंसक था और रहेगा: सीएम योगी
वहीं अनावरण कार्यक्रम में मौजूद सूबे के मुखिया योगी अदियानाथ ने अपने संबोधन में कहा कि लालजी टंडन का प्रसंशक हर कोई था और रहेगा। उन्होंने कहा, वे हर वर्ग के लोगों से बिना किसी भेदभाव के मिलते थे और उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए तत्पर रहते थे। उनका व्यवहार सभी से एक सामान था। वे धर्म, जाति, पैसा आदि जैसा कुछ नहीं देखते थे, सिर्फ उनको लोगों की समस्याएं दिखती थीं। उनकी प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होना एक बड़ी बात है।
बाबूजी के पदचिन्हों पर हम चल रहे हैं: केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि लालजी टंडन की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सौभाग्य है। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए मैं नगर विकास मंत्रालय और नगर निगम को धन्यवाद देता हूं। बाबूजी सिर्फ लखनऊ के ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश के हैं। उनके पदचिन्हों पर चल कर हम काम कर रहे हैं। उनकी ये प्रतिमा हमें याद दिलाती रहेगी कि हमें अपने कर्तव्यों का निर्वाहन निष्ठा के साथ करना है।’
लखनऊ और बाबूजी एक ही हैं: डॉ.दिनेश शर्मा
वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि बाबूजी की मूर्ति का अनावरण अविश्वसनीय है। लखनऊ और लालजी टंडन, अलग-अलग नहीं, एक ही हैं। लालजी टंडन और अटल बिहारी वायपेयी का साथ हमेशा से ही था। दोनों का पहनावा भी एक जैसा ही था, इसलिए दोनों की स्मृतियों को एक ही जगह पर रखा गया है। अटल चौक और बाबूजी की प्रतिमा, दोनों आसपास ही हैं।