लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने राजधानी लखनऊ में तेल चोरी के मामले में कई पेट्रोल पंपो पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। जिसके विरोध में कई पेट्रोल पंप हड़ताल पर चले गए थे।लेकिन अब इस हाईवोल्टेज ड्रामे का अंत हो गया है और पेट्रोल पंप संचालको ने हड़ताल को वापस लेने का फैसला किया है। लखनऊ पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया।
जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि किसी को भी बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। जिस पेट्रोल पम्प के खिलाफ शिकायत मिलेगी उसके ही खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके बाद नाराज पेट्रोल पम्प संचालकों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। प्रतिनिधि मण्डल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जिस मशीन में चिप मिल रही है उसे सील किया जाये, पूरे पेट्रोल पम्प को सील नहीं किया जाए। इसके साथ ही बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि छापेमारी या चेकिंग के दौरान एसटीएफ के साथ मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि राजधानी लखनऊ के 150 पेट्रोल पम्प हड़ताल पर चले गए थे, जिस वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बीते 28 अप्रैल को राजधानी लखनऊ से ऐसी खबर आई थी कि उत्तर प्रदेश में फ्यूल चोरी के एक बड़े गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है। दरअसल गुरुवार (27-4-17) देर शाम एसटीएफ और जिला प्रशासन की ज्वाइंट टीम ने शहर के करीबन 7 पेट्रोल पंपो का अचानक दौरा किया। जिसमें गड़बड़ी का शक होने के बाद चेक करने पर पता चला कि मशीन में इलेक्ट्रॉनिक चिप और रिमोट सेंसर के जरिए इस तरह से लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है।
यानि कि अगर कोई कस्टमर एक लीटर पेट्रोल भरवा रहा है तो उसे सिर्फ 900 मिलीलीटर तेल ही मिल रहा था। इस गोरखधंधे में यूपी पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन शुक्ला के पेट्रोल पंप का नाम भी सामने आया है।
इस मामले में मीडिया से बात करते हुए एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि यूपी के अलावा ये खेल अन्य राज्यों में भी खेला जा रहा है। इस गैंग से जुड़े राजेन्द्र को भी हिरासत में ले लिया गया है। पूछताछ में लखनऊ के सात पेट्रोल पंपों ने चिप और रिमोट लगाने की बात कबूली। इसके बाद सात टीमें बनाकर छापेमारी की गई।