लखनऊ: राजधानी स्थित प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मंदिर में सोमवार के कारण भक्तों की खासी भीड़ रही। भक्तों की ओर से जन्माष्टमी पर्व पर दिन में कान्हा की वेषभूषा पर दिलचस्प प्रतियोगिता हुई। इस अवसर पर पंखुड़ी और परी ने ‘मेरी जान है राधा’ भजन पर सुंदर डांस कर भक्तों की प्रशंसा हासिल की। इस अवसर पर मठ-मंदिर की महंत देव्यागिरि की अगुआई में मध्यरात्रि में बेल वाले खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म अनुष्ठान पारंपरिक रूप से किया गया। मध्यरात्रि में मठ-मंदिर परिसर ‘हरे कृष्णा’, ‘राधे राधे’, ‘जय कन्हैया लाल की’ जैसे जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर प्रसाद का वितरण भी किया गया।
प्रेम का सन्देश देते हैं भगवान कृष्ण
महंत देव्यागिरि ने कहा कि भगवान कृष्ण विश्व को प्रेम का संदेश देते हैं वहीं गीता के माध्यम से कर्म के लिए भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि बालक कृष्ण समाज को संदेश देते हैं कि शरीर को तंदरुस्त रखने के लिए मक्खन दूध दही का सेवन जरूरी है। गौ-पालक के रूप में कान्हा, गौ माता के महत्व को समझाते हैं। गौवर्धन लीला रचा कर अहंकार न करने के प्रति लोगों को जागरुक करते हैं। बांसुरी से गायों तक को वश में करने वाले भगवान कृष्ण कंस का अंत कर सत्य की विजय का संदेश देते हैं। द्रोपदी की कौरवों के दरबार में रक्षा कर भगवान कृष्ण, नारी सम्मान तक का संदेश देते हैं।
सेवादार उपमा पाण्डेय ने बताया कि इस अवसर पर अरुण, कल्याणी, पंखुड़ी, कल्याणी सहित अन्य ने कान्हा की वेशभूषा प्रतियोगिता में भाग लिया। छोटे से कान्हा इतने आकर्षक लगे कि श्रमहंत ने उन्हें गोदी में लेकर आशीर्वाद दिया। अन्य सभी प्रतिभागियों को तोहफे भेंट किये गए। जन्मोत्सव के उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया।