लखनऊ: स्वास्थ्य सुविधाएं कई बार समय पर ना मिलने से जान गंवानी पड़ जाती है। ऐसा ही रॉ के पूर्व जासूस मनोज रंजन के साथ हुआ। इलाज में देरी के चलते उन्होंने दम तोड़ दिया।
सीएमओ का रेफरल लेटर मिलने में देर
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक तरफ यह आदेश जारी किया कि अब अस्पताल में बिना लेटर के इंट्री मिलेगी। लेकिन फिर भी कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें इलाज देर से मिल रहा है। ऐसा ही पूर्व जासूस मनोज रंजन के साथ हुआ, जिन्हें इलाज में देरी होने के कारण अपनी जान गवानी पड़ी। खबरों के अनुसार अस्पताल और बेड मिलने में काफी देरी हो गई। सीएमओ का पत्र भी समय से नहीं आ सका। ऐसे में हालत बिगड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
देश को पहुंचाई कई अहम जानकारियां
जासूस के तौर पर मनोज रंजन ने देश सेवा में पूरी जान लगा दी थी। कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद और अन्य गतिविधियों की सटीक जानकारी उन्होंने दी। पिछले दिनों उनकी खराब आर्थिक हालत पर भी खूब चर्चा हुई, खबरों में लिखा गया लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। अब एक बार फिर कोरोना संक्रमण के चलते उनकी मृत्यु हो गई।
कोरोना के कारण लगातार बेड और अस्पताल की किल्लत देखने को मिल रही है। कोविड अस्पताल भी बनाए जा रहे और ऑक्सीजन की सप्लाई को बोकारो स्टील प्लांट की मदद से पूरा किया जा रहा है। यूपी सरकार का कहना है कि सुविधायें बेहतर की जा रही हैं, कहीं भी किसी तरह की दिकक्त नहीं है।