लखनऊ। भारत की स्वतंत्र में अहम योगदान करने वाली रानी लक्ष्मीबाई के झांसी में कल संवेदनहीनता को तार-तार कर दिया गया। मामला यहां के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का है। जहां पर एक मरीज का कटा पैर उसके सिरहाने पर तकिया के रूप में रखा गया है। इसके बाद जब कुछ तीमारदारों ने इस मंजर को देखा तो वहां पर हंगामा हो गया।
बता दें कि जब तीमारदारों ने वहां देखा कि ऑपरेशन के बाद मरीज का पैर उसके सिरहाने पर तकिए के रूप में रखा है तो उन लोगों ने इस अमानवीयता का फोटो सोशल मीडिया और निजी चैनलों पर वायरल कर दिया। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में कंसल्टेंट ऑन कॉल डॉ.प्रवीन सरावली को चार्जशीट जारी करने का आदेश दिया है, जबकि इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमपी सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ.आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने झांसी के पूर्व प्राचार्य डॉ.नरेंद्र सेंगर की अध्यक्षता में चार सीनियर डॉक्टरों को शामिल कर जांच समिति गठित कर दी है। समिति से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पीडि़त परिवार मरीज को लेकर निजी अस्पताल चला गया।
साथ ही लहचूरा के ग्राम इटायल निवासी घनश्याम राजपूत स्कूल बस में क्लीनर है। कल सुबह वह बच्चों को स्कूल छोडऩे जा रहा था। ग्राम बम्हौरी के आगे चालक से अनियंत्रित होकर बस पलट गयी। बस के नीचे दबने से घनश्याम के दोनों पैर कुचल गये और चार छात्राओं को मामूली चोटें आईं। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्राओं को क्लीनर समेत मऊरानीपुर के स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर क्लीनर को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। यहां कुछ लोगों ने देखा कि मरीज का कटा पैर सिरहाने पर तकिया की तरह लगा हुआ है। इसके बाद वहां हंगामा हो गया।