लखनऊ: राजधानी स्थित बालू अड्डा मोहल्ले में दूषित पानी पीने से दो बच्चों की मौत हो गई। इसमें 11 माह का एक मासूम बच्चा भी शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में आलाधिकारियों एवं नेताओं का आवागमन शुरू हो गया है। बीते दिन यानी मंगलवार को लखनऊ मध्य विधानसभा से विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक क्षेत्र में पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
वहीं बुधवार को क्षेत्र में लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह पहुंचे। तीनों ने ही पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। डीएम और महापौर ने लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वहीं कांग्रेस एमएलसी ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की बात की है।
धरने पर बैठे क्षेत्रवासी, लगाये मुर्दाबाद के नारे
वहीं बालू अड्डा में रहने वाले लोग प्रशासन से नाराज़ होकर धरने पर बैठ गए। लोगों ने ‘नगर निगम मुर्दाबाद’, ‘जलकल विभाग मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। लोगों का कहना है कि गंदे पानी की निरंतर शिकायतें की गई हैं लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। आज जब दो बच्चों की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती हैं, अब अधिकारियों की नींद खुली है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि जबतक सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान नहीं हो जाता तब तक धरने से उठेंगे नहीं, साथ ही लोगों का कहना है कि जो अस्पताल में एडमिट हैं उनके इलाज का पूरा खर्च सरकार और प्रशासन उठाए।
हादसा नहीं हत्या है ये
बालू अड्डा निवासियों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के चलते दो मासूमों ने जान गंवाई है। दोषी अधिकारीयों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जबतक पीड़ित परिवारों को दस लाख मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक धरना खत्म नहीं होगा। लोगों का यह भी कहना है कि अब इस क्षेत्र में अधिकारियों का आना-जाना शुरू हो गया है, इससे पहले यहां कोई नज़र नहीं आता है। हम किस हाल में हैं, कैसे जी रहे हैं, इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।