चेन्नई। एक हिंदू लड़की के मुस्लिम लड़के से शादी करने के बाद अपना धर्म बदल लिया। हिंदू लड़की के मुस्लिम हो जाने को कुछ तथाकथित लोगों ने लव जिहाद का नाम देते हुए इस मामले को इतना तूल दिया कि इस मामलें की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपने परिजनों के चुंगल से आजाद होकर तमिलनाडु के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रही हादिया ने कहा कि उनके पास उसके शौहर शौफीन जहां से मिलने की आजादी नहीं है। अखिला अशोकन से नाम बदलकर हादिया बनी लड़की ने कहा कि मैं उस इंसान के साथ रहना चाहती हूं, जिससे मैं सबसे ज्यादा प्यार करती हूं। मैं कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही हूं ताकि ये देख सकूं कि कही ये मेरे लिए दूसरी जेल तो नहीं बन जाएगी।
हादिया ने कहा मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल किया है और मैं वो अधिकार मांग रही हूं जोकि भारत देश के हर नागरिक के पास है, जिसका राजनाीति और जाति से कुछ लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि अखिला अशोकन ने अपनी मर्जी से शौफीन जहां से शादी करने के बाद धर्म बदल लिया था और अपना नाम हादिया रख लिया था। वहीं लड़की के पिता के.एम.अशोकन ने शादी को रद्द करने के लिए केरल हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। पिता ने अपनी याचिका में कहा था कि मेरी लड़की का धर्मपरिवर्तन जबरन तरीके से करवाया गया है और जो लड़का शौफिन मेरी बेटी को अपना पति कहता है उसके तार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं।
याचिका में आरोप लगाया था कि पीएफआई के सदस्य हिंदू लड़कियों को भ्रमित कर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। केरल हाई कोर्ट ने हादिया और शैफिन की शादी को ‘रद्द’ कर दिया और लड़की को उसके पिता के हवाले करने का आदेश दिया। शादी ‘रद्द’ किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले को शैफीन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने हादिया के पिता को उसकी पढ़ाई जारी रखने की इजाजत देने का निर्देश दिया था।