नई दिल्ली। हर शहर में भगवान शिव के अनेकों शिवालय हैं जिनका अपना महत्व होता है। लेकिन कहा जाता है कि भगवान शिव को कुछ स्थान इतने प्यारें हैं कि वहां भगवान शिव का हमेशा वास होता है। आइए जानते हैं भगवान शिव की उन बारह ज्योर्तिलिंगों के बारें में।
सोमनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर के बारें में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था जिसका उल्लेख हमें ऋग्वेद में मिलता है।
श्रीमल्लिकार्जुन
श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है जिसकी अनेक धर्मग्रन्थों में महिमा बताई गई है।
महाकालेश्वर मंदिर
महाकालेश्वर मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। ये मंदिर दक्षिण मुखी पूजा के लिए भी प्रिसिध्द है।
ओंकारेश्वर मंदिर
ओंकारेश्वर मंदिर ध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। ये भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। कहा जाता है कि यहां मांगी गई कोई भी मनोकामना जरुर पूर्ण होती है।
श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग
श्री भीमशंकर ज्योतिर्लिंग उत्तर भीमा नदी के तट पर स्थित है। जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
रामेश्वैरम
रामेश्वैरम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जो हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।
नागेश्वर मंदिर
नागेश्वर मंदिर गुजरात के बाहरी क्षेत्र द्वारका में स्थित है।
काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्ना न कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
त्रयम्बकेश्वर
त्रयम्बकेश्वर हिंदू धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है जो नासिक के पास स्थित है कहा जाता है कि यहां आने से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
केदारनाथ मन्दिर
केदारनाथ मन्दिर हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है। ये मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ साथ चार धाम के लिए भी प्रसिद्द है।
घृष्णेकश्वेर महादेव
घृष्णेकश्वेर महादेव मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। जिसे घुश्मेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं। ये भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। तो यह थे भगवान भोले नाथ के लो स्थान जो उनके अत्यंत प्रिय है। कहा जाता है कि यहां भोले नाथ का वास होता है।
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