पूरी दुनिया को कोरोना जैसी मुसीबत में फंसाकर खुद को आगे बढ़ाने के रंगीन सपने देखने वाले चीन को एक के बाद एक करके दूसरा झटका लग गया है।
स्पेस में दूसरी बार चीन का रॉकेट टूटकर बिखर गया है। इस बार भी ये घटना तकनीकी खराबी के चलते हुई है।
आपको बता दें, फ्रेगैट-एसबी रॉकेट के इस तरह से टूटकर बिखर जाने की घटना ने स्पेस से जुड़े वैज्ञानिकों के मन में कहीं न कहीं चिंता की लकीर जरूर खींच दी है।
वहीं इसकी वजह चीन के स्पेस प्रोग्राम को भी धक्का लगा है। फ्रेगैट-एसबी और लॉन्ग मार्च 5बी के टूटने की घटनाओं में एक चीज समानतौर पर दिखाई दी।
फ्रेगैट-एसबी के टूटकर बिखरने का पता भी वैज्ञानिकों को अंतिम समय में लगा था वहीं चीन के रॉकेट के टूटकर बिखरने और इसके अमेरिका के ऊपर से गुजरने की भी जानकारी वैज्ञानिकों को आखिरी समय में ही लग सकी।
आपको बता दें, चीन ने इससे पहले रॉकेट को 5 मई को दक्षिणी चीन के हैनान द्वीप पर वेनचांग सेंटर से लॉन्च किया था।
ये उस वक्त लॉन्च किया गया था जब पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप से जकड़ी हुई थी।
इस लॉन्च को अंजाम देकर चीन ने पूरी दुनिय को अपनी उस ताकत का अहसास करवाने की कोशिश की थी जिसके जरिए वह बताना चाहता था कि कोरोना से मुक्ति के बाद अब वो तेजी से अपने कदम विकास की तरफ बढ़ा रहा है।
लेकिन एक के बाद एक करके टूटते चीन के रॉकेटों ने चीन के सारे सपनों को नाकाम कर दिया है।
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स्पेसफ्लाइट नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन दशकों में यह पृथ्वी के वायुमंडल में लौटने वाला सबसे बड़ा स्पेस जंक था। 11 मई को इस रॉकेट ने सुबह करीब 11:33 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था। लेकिन बाद में अनियंत्रित होकर टूट गया और बिखर गया।