नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ करने और उनसे जुड़ी याचिकाओं को जल्द से जल्द निपटाने के लिए स्पेशल न्यायाधिकरण गठित करने पर गंभीरता से सोचने को कहा है। नायडू ने एक कार्यक्रम में कहा कि दलबदल निरोधक कानून को और सख्त बनाने और चुनाव पर कम खर्च करने के तरीकों पर विचार करने को भी कहा। साथ ही पेड न्यूज पर रोक लगाने और स्थानीय निकायों के चुनाव अनिवार्य रूप से हर पांच वर्ष में सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया।

बता दें कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी की किताब ‘अन डाक्युमेंटेड वंडर -द मेकिंग आफ द ग्रेट इंडियन इलेक्शन’ के ङ्क्षहदी अनुवाद ‘लोकतंत्र के उत्सव की अनकही कहानी’ का लोकार्पण करने के बाद नायडू ने अपने संबोधन में कहा कि अब वक्त आ गया है कि सभी राजनीतिक दल इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें कि लोकसभा, विधानसभाओं तथा स्थानीय निकायों के चुनाव एकसाथ हों। पूरे साल चुनावी उत्सव होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं और मुख्य मुद्दों से ध्यान हट जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव संबन्धी याचिकाओं के निपटारे में विलंब होने के कारण फैसले का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसलिए एक तय समय में याचिकाओं के निपटार के लिए विशेष चुनाव न्यायाधिकरण गठित किये जाने पर विचार किया जाना चाहिए।