नई दिल्ली। कैराना लोकसभा उपचुनाव में विपक्ष की एकजुटता साफ दिखती नजर आ रही है। उपचुनाव के बदलते समीकरणों के बीच एक और नया ट्विस्ट आ गया है। जहां बीजेपी को शिकस्त देने के के मकसद से राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी तबस्सुम के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे उनके देवर कंवर हसन ने अपना नाम वापस ले लिया।
विपक्ष की एकजुटता
विपक्ष की एकजुटता को देखकर कयास लगाए जा रहे थे कि राजनीतिक हों या फिर पारिवारिक सारी अदावत खत्म कर बीजेपी को शिकस्त देने के लिए फॉर्म्युले पर कदम बढ़ाए जाने लगे हैं। हालांकि, आरएलडी के फॉर्म्युले पर लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने सवाल खड़े कर दिए हैं। सुनील सिंह का कहना है कि चुनावी मैदान से हटने के एवज में कंवर हसन ने 8 करोड़ रुपये लिए हैं।
सुनील सिंह ने लगाया आरोप
सुनील सिंह ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि चुनावी मैदान से हटने के एवज में 8 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। यही नहीं, उन्होंने इसकी इनकम टैक्स और सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
जयंत का ‘गुरुमंत्र’
आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम के विपक्ष में उनके देवर कंवर हसन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। ऐसे में बीजेपी को एक राहत यह थी कि कंवर हसन गठबंधन के वोट काटेंगे और इससे बीजेपी को फायदा होगा। कंवर के पिता यहां से चेयरमैन भी हैं। यहां पर कंवर को 20 से 30 हजार के आसपास वोट मिलने की उम्मीद थी, यह वोट मुस्लिम वोट माना जा रहा था।
तबस्सुम को समर्थन
बीजेपी का समीकरण था कि महागठबंधन के मुस्लिम वोट बंटकर कंवर हसन के पक्ष में जाएंगे लेकिन अब कंवर द्वारा आरएलडी को समर्थन देने की वजह से पार्टी की यहां से जीत मुश्किल हो सकती है। आरएलडी नेता जयंत चौधरी गुरुवार को कंवर हसन के घर पहुंचे। बातचीत के बाद सभी ने एक सुर में तबस्सुम को समर्थन देने की बात कही।
बीजेपी की फौज
बीजेपी ने कैराना में फतह के लिए पूरी फौज उतार रखी है। डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य 3 दिन तक डेरा डालकर रणनीति बनाते रहे और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय भी लगातार दौरा कर चुके हैं। संगठन महामंत्री सुनील बंसल 5 दिन तक एक-एक सेक्टर की मीटिंग लेकर जीत की रणनीति बताकर गए हैं।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के अलावा दस से ज्यादा यूपी के मंत्री, सात सांसद और 19 विधायकों के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों की एक बड़ी टीम यहां डेरा डाले हुए है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी 3 दिन में दो सभाएं कर चुके हैं।