लखनऊ। प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनावों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पंचायतों का आरक्षण जारी करने पर रोक लगा दी है। इस मामले में राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग से 15 मार्च तक जवाब देने को कहा गया है। तब तक आरक्षण का आवंटन रोकने को कहा गया है।
अदालत के आदेश के बाद सरकार हरकत में
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने भी ऑर्डर रिलीज कर इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि हाई कोर्ट के द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेशों तक पंचायत चुनावों में आरक्षण और आवंटन की कार्यवाही को पूरा न किया जाए.
जनहित याचिका पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
आरक्षण को चुनौती देने वाली सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार की जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस मनीष माथुर की पीठ ने ये आदेश दिया है. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रकिया करना था. लेकिन सरकार मनमाने तरीके से 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया पूरी कर रही है, और 17 मार्च 2021 को आरक्षण लिस्ट घोषित करने जा रही है.