रूड़की। अंग्रेज़ी और देसी शराब की दुकानों को मुख्य राजमार्ग से हटाने के न्यायालय के आदेश को धरातल पर उतरने में महज़ कुछ ही घंटे बचे है इसके बाद वाइन शॉप की एक भी दुकान किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिखाई नहीं देगी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से शराब व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है हांलाकि इसमें अभी अंतिम सुनवाई होनी बाकि है। इसके बाबजूद व्यापारी परेशान हैं।
यदि यह शराब की दुकानें राष्ट्रीय राजमार्ग से हटकर आवासीय क्षेत्र या फिर कही सुनसान जगह पर जाती है तो शराब व्यापारियों का कहना है की इससे शराब की दुकान पर होने वाली बिक्री पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ जाएगा जिससे सरकार को भी राजस्व की बड़ी हानि होगी। यदि आवासीय क्षेत्र में अगर दुकानें जाती है तो आसपास रहने वाले लोगो को भी बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है और अगर यह दुकानें किसी सुनसान जगह पर जाती है तो चोरी का खतरा बढ़ जाएगा।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2017 से सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से 500 मीटर के दायरे में पड़ने वाली शराब की दुकानों को हटाने के निर्देश जारी कर दिये थे इसके बाद से ही शराब कारोबारियों में हड़कंप मच गया था क्योंकि ज़्यादातर दुकाने या तो राष्ट्रीय राजमार्गों पर है या राष्ट्रीय राजमार्गों से 500 मीटर के दायरे में है जो कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं है।
ऐसे में सवाल यह खड़ा हो चला है कि क्या अब शराब की दुकानें आवासीय इलाको में खोली जाएगी,क्या आवासीय क्षेत्र में रहने वाले लोग शराब की दुकानें बस्ती में खुलने से असहज महसूस तो नहीं करेंगे क्योंकि कोर्ट के 500 मीटर के बाहर शराब की दुकान ले जाने का मतलब तो साफतौर से आवासीय क्षेत्र में दुकानों को ले जाना ही कहा जाएगा।
शकील अनवर, संवाददाता