नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी वाहन आंकड़ों को ‘वाहन’ डेटाबेस से जोड़ने की आवश्यकता दोहराई है, ताकि नागरिकों को उत्पीड़न एवं परेशानी से बचाया जा सके। इस तरह की सूचनाएं एम-परिवहन और ई-चालान प्लेटफॉर्मों पर भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में नागरिकों को सुलभ कराई जानी चाहिए, जिससे कि उन्हें पर्याप्त सहूलियत हो सके। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में मंत्रालय ने विशेषकर मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के विशेष प्रावधानों के साथ-साथ वायु प्रदूषण मानकों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाए जाने से संबंधित संशोधित प्रावधानों के भी लागू हो जाने के मद्देनजर इस कदम पर तत्काल अमल करने पर विशेष जोर दिया है।
माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मंत्रालय ने इससे पहले पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण केंद्र) सर्टिफिकेट को ‘वाहन’ डेटाबेस से जोड़ने के उद्देश्य से केन्द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 115, जिसके लिए दिनांक 6 जून 2018 को जारी जीएसआर 527 (ई) देखें, में संशोधन करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी पीयूसी केंद्र उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर अमल करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों पर अमल करके उत्सर्जन परीक्षण आंकड़ों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ‘वाहन’ डेटाबेस पर अवश्य ही अपलोड करें।