बेंगलुरू/नई दिल्ली। स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ का पहला दस्ता शुक्रवार को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया, जिसे ‘फ्लाइंग डैगर्स 45’ नाम दिया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारतीय वायुसेना को दो हल्के लड़ाकू विमान सौंपे हैं। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि हल्के लड़ाकू विमान के पहले दस्ते को तमिलनाडु के सुलुर स्थित वायुसेना केंद्र में शिफ्ट करने से पूर्व दो साल के लिए कर्नाटक में रखा जाएगा।
वायुसेना की टुकड़ी में 2017 तक छह और लड़ाकू विमान शामिल किए जाएंगे। भारतीय वायुसेना की ओर से कहा गया है कि हल्का लड़ाकू विमान तेजस पाकिस्तान के जेएफ-17 से कहीं अधिक बेहतर है।
भारतीय वायुसेना के दस्ते नंबर 45. ‘फ्लाइंग डैगर्स’ ने 1999 में कराची से करीब 300 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में पाकिस्तानी नौसेना के एक निगरानी विमान को मार गिराया था, जिसमें 16 लोग सवार थे। इसमें सभी की मौत हो गई थी।
नौसेना की टुकड़ी उस वक्त गुजरात के नलिया हवाईअड्डा केंद्र पर तैनात थी और उस वक्त मिग-21 बिस उड़ा रही थी। अधिकारियों ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को अगले साल से युद्ध कार्यो में लगाए जाने की उम्मीद है। पहले तेजस दस्ते में 20 विमान होंगे।
(आईएएनएस)