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क्या सेक्स के दौरान आपको भी ऑर्गेज्म नहीं होता ? जानें एक्सपर्ट्स की राय

man क्या सेक्स के दौरान आपको भी ऑर्गेज्म नहीं होता ? जानें एक्सपर्ट्स की राय

आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास भी अपने लिए ही समय नहीं है। जिसके चलते वह सही से अपना खान-पान नहीं रख पाते । जिससे उन्हें छोटी ही उम्र कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

सेक्स बनी समस्या !

जिंदगी में हो रहे बदलाव के कारण लोगों को सेक्स संबधी कई चीजों से परेशान होना पड़ रहा है। जिससे उनकी निजी जिंदगी में भी प्रभाव पड़ रहा है और तनाव बढ़ता जा रहा है। आज हम आपको सेक्स से संबधित उन चीजों के बारे में बताएंगे जिससे आपको आने वाले समय में कोई समस्या ना हो।

क्या होता है ऑर्गेज्म ?

ऑर्गेज्म का सीधा मतलब होता है सेक्स्शुअल सुख। जब भी हम अपने पार्टनर के साथ सेक्स्शुअल रिलेशनशिप बिल्ड करते हैं तो एक स्थिति में जाकर हमें चरम सुख मिलता है, जिसे ऑर्गेज्म कहते हैं। दरअसल सेक्स के दौरान हमारे शरीर में कई हॉर्माेन्स रिलीज़ होते हैं, हमारे शरीर में कई चेंजेस आते हैं जैसे धड़कन बढ़ जाना, सांस फूलने लगना, महिलाओं और पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो बढ़ जाना। इन सब की वजह से पुरुषों में उनके लिंग का साइज़ बढ़ जाता है और चरम सुख के बाद स्पर्म रिलीज़ होता है। वहीं महिलाओं में वजाइना की मांसपेशियां खुलती-सिकुड़ती हैं। ऑर्गैज्म होने पर उनकी वजाइना से भी लिक्विड रिलीज़ होता है।

क्या होता है एनऑर्गेज़्मिया ?

रिपोर्ट और जानकारी के मुताबिक आज हम आपको एनऑर्गेज़्मिया के बारे में बताएंगे। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ऑर्गेज्म नहीं होता है। इस कंडीशन को एनऑर्गेज़्मिया कहा जाता है। एनऑर्गेज़्मिया एक प्रकार का सेक्स्शुअल डिसऑर्डर है, इसमें पर्याप्त उत्तेजना यानी सेक्स्शुअल डिजायर होने के बाद भी आप चरम सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं। एनऑर्गेज़्मिया दो प्रकार के होते हैं। पहला प्राइमरी एनऑर्गेज़्मिया दूसरा सेकेंडरी एनऑर्गेज़्मिया. प्राइमरी एनऑर्गेज़्मिया में व्यक्ति को कभी भी ऑर्गेज्म नहीं हुआ होता है। सेकेंडरी एनऑर्गेज़्मिया में व्यक्ति को पहले ऑर्गेज्म होता था, पर किसी मेडिकल या सर्जिकल कारण से अब ऑर्गेज्म नहीं होता या देर से होता है।

ये हैं प्रमुख कारण

एनऑर्गेज़्मिया का सबसे बड़ा कारण है साइकोलॉजिकल स्ट्रेस, फिजिकल या मेंटल स्ट्रेस से गुजर रहे हैं तो एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है। अगर आपको बाइपोलर डिसऑर्डर, एंग्जायटी, डिप्रेशन रहता है तो आपको एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एनऑर्गेज़्मिया की सिचुएशन आ जाती है, क्योंकि उनकी योनि मार्ग में जो मांसपेशियां होती हैं वो सिकुड़ जाती हैं, उनपर झुर्रियां पड़ जाती हैं, जिसकी वजह से वो ऑर्गेज्म महसूस नहीं कर पातीं। अगर आप जरूरत से ज्यादा शराब पीते हैं तो भी आपको एनऑर्गेज़्मिया हो सकता है, एंटी-डिप्रेशन ड्रग्स के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या एनऑर्गेज़्मिया की प्रॉब्लम हो सकती है। औरतों में गर्भाशय की सर्जरी, पुरुषों में प्रोस्टेट की सर्जरी भी एनऑर्गेज़्मिया का कारण बन सकती हैं। एनऑर्गेज़्मिया पुरुषों और स्त्रियों दोनों में बहुत ही कॉमन है।

ये है इलाज

अगर आपको एनऑर्गेज़्मिया है तो आपको घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि इसका ट्रीटमेंट किया जा सकता है। अगर आपको इनऑर्गेजमिया के लक्षण फील हो रहे हैं तो आप साइकोलॉजिस्ट या गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाकर कंसल्ट करें। साइकोलॉजिकल काउंसलिंग और दवाइयों के माध्यम से आपको हेल्प मिल सकती है।

गौरतलब है कि अगर आप इस प्रॉब्लम का इलाज चाहते हैं तो आपको डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से मिलना ही पड़ेगा। क्योंकि इसका इलाज काउंसलिंग और दवाइयों के ज़रिए होता। इसलिए हिचकने की ज़रूरत नहीं है। आप डॉक्टर से मिलिए और खुलकर अपनी प्रॉब्लम शेयर करिए।

 

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