रोज सुबह कई तरह के प्राणायाम करने से हमें रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। इसी तरह से एक प्रणायाम है ‘कपालभाति प्राणायाम’। कपालभाति प्राणायाम सबसे लोकप्रिय योग आसनों में से एक है, जो श्वसन क्रिया में सुधार करता है। यह न केवल व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभ प्रदान करता है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
कई बीमारियों का इलाज है ‘कपालभाति’
योग हमारे मन और शरीर को स्वस्थ रखने का बेहतरीन विकल्प है। रोज सुबह कई तरह के प्राणायाम करने से हमें रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। इसी तरह से एक प्रणायाम है ‘कपालभाति प्राणायाम’। कपालभाति प्राणायाम सबसे लोकप्रिय योग आसनों में से एक है, जो श्वसन क्रिया में सुधार करता है। यह न केवल व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभ प्रदान करता है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है।
ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है
कपालभाति आसन में श्वसन क्रिया में सुधार करता है। सांस लेने का यह उन्नत अभ्यास रक्त में कार्बनडाई ऑक्साइज लेवल को कम करने में मदद करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे शरीर में लो ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने में मदद मिलती है। इस श्वास तकनीक में ‘सक्रिय सांस छोड़ना और निष्क्रिय सांस लेना’ शामिल है।
किडनी से जुड़ी समस्या भी होती है ठीक
रोजाना कपालभाति करने से आपके लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या ठीक होती हैं। इसके साथ ही आपका मस्तिष्क भी तनावमुक्त होता है। इस आसन को करने से याददाश्त और एकाग्रता शक्ति में सुधार होता है। यह आसन चिंता और तनाव को दूर करने की एक विश्वसनीय तकनीक है। कपालभाती को शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकालने के लिए जाना जाता है। यह आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, और उन्हें मजबूत करता है। इसके साथ ही यह आपकी त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है और आपको एक चमकदार चमक देता है।
बीमारी दूर करनेवाला प्राणायाम ‘कपालभाति’
कपालभाती को बीमारी दूर करनेवाले प्राणायाम के रूप में देखा जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि कपालभाती से हार्ट के ब्लॉकेजेस् पहिले ही दिन से खुलने लगते हैं और 15 दिन में बिना किसी दवाई के वे पूरी तरह खुल जाते हैं। कपालभाती करने वालों के हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है, जबकि हृदय की कार्यक्षमता बढ़ाने वाली कोई भी दवा उपलब्ध नही है। कपालभाती करनेवालों का हृदय कभी भी अचानक काम करना बंद नही करता।
कैसे करें कपालभाति ?
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं। और अब इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें। गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें। ऐसा कुछ मिनट तक लगातार करते रहें, एक बार में इसे 35 से लेकर 100 बार करें। अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखेंगे तो आपको शरीर में वाइब्रेशन महसूस होगा, जो विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने का संकेत है, ये वाइब्रेशन आपके दिमाग को अच्छा फील कराने में मदद करेगा। इसे करने के बाद कुछ देर सुखासन में बैठकर अपने शरीर को ऑब्जर्व करें। अब धीरे -धीरे गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ें।
कपालभाति के कई विशेष लाभ
कपालभाती से खून में प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स या रेड ब्लड सेल्स यदि कम या अधिक हुए हो, तो वे निर्धारित मात्रा में आकर संतुलित हो जाते हैं। कपालभाती से सभी कुछ संतुलित हो जाता है। ना तो कोई अंडरवेट रहता है, ना ही कोई ओव्हरवेट रहता है। कपालभाती से सफेद दाग, सोरायसिस, एक्झिमा, ल्युकोडर्मा, स्कियोडर्मा जैसे त्वचारोग ठीक होते हैं। कपालभाती से छोटी आँत को शक्ति प्राप्त होती है, जिससे पाचन क्रिया सुधर जाती है।