लखनऊ । राजधानी में अब कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन अब निजी अस्पताल में बेड मिलने पर बिना सीएमओ के रेफ़रल लेटर के भर्ती करा सकेंगे। अब संक्रमित मरीजों के भर्ती के लिए न तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मंजूरी की ज़रूरत होगी और न ही अस्पताल और न ही निजी अस्पताल संचालक मरीज और उनके परिजनों को रेफ़रल लेटर के लिए परेशान कर सकेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय भटनागर ने बताया
अभी तक निजी चिकित्सालयों में कोरोना उपचाराधीन मरीजों को भर्ती होने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की परमिशन चाहिए होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब निजी चिकित्सालय खुद अपने अस्पताल में बेड की उपलब्धता के पर मरीजों को भर्ती कर इलाज कर सकते हैं | इसके साथ ही निजी प्रयोगशालाएं कोरोना संभावित मरीजों की जाँच निरंतर जारी रखें और समय से रिपोर्ट उपलब्ध कराएं ताकि मरीजों की जांच और इलाज समय से हो सके |