उत्तराखंड। जंगलों से आए दिन गुलदार, भेड़िया या फिर अन्य खतरनाक जानवर शहर या भीड़ की तरफ अपना रूख करते रहते हैं। आए दिन ऐसी खबरें सुनने को मिल ही जाती हैं। ऐसा ही कुछ अब देखने को मिला है, जब जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एक गुलदार ने अपनी मौजूदगी दिखाई। जिसके बाद एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंची विभाग की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। टीम किसी तरह से गुलदार के बच्चे को सुरक्षित पकड़ने में जुटी हई है। लेकिन, गुलदार के ड्रेनेज पाइप में घुस जाने के कारण रेसक्यू में दिक्कत आ रही है।
बाघ को बाहर निकालने में जुटी फॉरेस्ट टीम-
बता दें कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट जंगल के नजदीक है। जिसके कारण आए दिन जंगली जानवर एयरपोर्ट में घुस जाते हैं। मंगलवार को गुलदार का बच्चा एयरपोर्ट में घुस आया। उसे देखते ही सभी के होश उड़ गए। इसकी सूचना तुरंत ही वन विभाग को दी गई। थानों रेंज के अलावा डॉ. राकेश नौटियाल और रवि जोशी आदि गुलदार के बच्चे को पकड़ने के जाल बिछाया है। थानों रेंज के फॉरेस्ट अधिकारी गुमान सिंह रावत ने बताया कि गुलदार का बच्चा निर्माणाधीन एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग के समीप सीमेंट के होल पाइप के अंदर पुलिया में घुसा हुआ है। उसे बाहर निकालने के लिए जेसीबी की मदद ली जा रही है। एयरपोर्ट के आस-पास सुरक्षा की दृष्टि से कंटीली तार-बाड़ लगाई गई है, लेकिन जानवर इससे निकलकर एयरपोर्ट परिसर में घुस जाते हैं। हालांकि, एयरपोर्ट पर सुरक्षा के इंतजाम के साथ ही सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहते हैं।
कार्बेट टाइगर रिजर्व में क्षमता से अधिक हुई बाघों की संख्या-
जानकारी के अनुसार बीते दिनों खबर सामने आई थी कि 71 फीसदी फॉरेस्ट कवर्ड एरिया वाले उत्तराखंड के कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क में बाघ और हाथियों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है। भारतीय वन्य जीव संस्थान, डब्लूआईआई की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। डब्लूआईआई के वैज्ञानिकों को उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा जून में एक प्रोजेक्ट सौंपकर इन दोनों पार्कों की बाघ और हाथियों की कैंरिग क्षमता पता करने को कहा था। डब्लूआईआई ने इस रिपोर्ट का कुछ पार्ट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सौंप दिया है। रिपोर्ट बताती है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या उसकी क्षमता से अधिक हो गई है।