अगरतला। त्रिपुरा चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए जोरो-शोरो से प्रचार कर रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के सेना को लेकर की गई टिप्पणी पर कोई भी बयान देने से इंकार कर दिया है। चुनाव के मद्देनजर त्रिपुरा में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने भागवत के बयान पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, मैने सिर्फ फोन पर एक मैसेज देखा था बस। दरअसल आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा था कि संघ युद्ध के लिए दो दिन में सेना तैयार कर देगा और वहीं भारतीय सेना इसके लिए सात दिन का समय लगाएगी।
उन्होंने कहा था कि बेशक संघ एक मिलिट्री संगठन नहीं है, लेकिन देश को जरूरत पड़ेगी तो उनके स्वंयसेवक सेना से पहले ही तैयार हो जाएंगे। वहीं अमित शाह ने त्रिपुरा में 18 फरवरी को होने वाले चुनाव को लेकर कहा कि राज्य में माणिक सरकार के थोड़े ही दिन बचे है। शाह ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि माणिक सरकार ने राज्य का विकास नहीं किया इसलिए इस बार के चुनाव में बीजेपी की जीत होगी और राज्य में विकास के नए युग की शुरुआत होगी। उन्होने कहा कि राज्य में अगली सरकार बीजेपी की बनने जा रही है।
शाह ने वामपंथी सरकार पर हमले की बौछार करते हुए कहा कि त्रिपुरा में वामपंथियों के 25 साल के कार्यकाल में सात लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि इतने छोटे राज्य में जिस तरह से बेरोजगारों संख्या बढ़ी है उसका जवाब माणिक सरकार के पास नहीं है। शाह ने सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 25 सालों से राज्य में हालात बद से बदतर हो गए हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमारी सरकार राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशे को लागू करेगी और पीएम मोदी ने राज्य के विकास के लिए आठ हजार करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी वोट कटुआ की भूमिका में है और वे सीपीएम को जिताने के लिए साजिश रच रही है।