कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के समय जिस वामपंथ के खिलाफ सूबे की मुखिया ममता बनर्जी जमकर प्रचार करती है। उसी वामपंथ की त्रिपुरा में दोबारा सरकार बनने की ममता बनर्जी ने कामना की है। सीएम ने पश्चिम बंगाल की विधानसभा में सीपीएम विधायक सुजान चक्रवर्ती को संबोधित करते हुए कहा कि मैं विपक्ष विहीन सरकार के पक्ष में नहीं हूं। आप त्रिपुरा में चुनाव हारने की दहलीज पर खड़े हैं। मुझे खुशी होती कि अगर आप एक बड़े उद्देश्य को ध्यान में रखते। झूठे अहंकार के कारण आप भी गिरते चले जा रहे हैं। आप लालू यादव की बीजेपी-विरोधी रैली में भी शामिल हुए।’
दरअसल एग्जिट पोल में बीजेपी गठबंधन और लेफ्ट के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है।
त्रिपुरा में लेफ्ट की 25 साल पुरानी सरकार को गिराने में बीजेपी सफल हो सकती है। एग्जिट पोल्स की मानें तो बीजेपी त्रिपुरा में 60 में से 35 से ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है। विधानसभा चुनावों के दौरान त्रिपुरा में 89.8 फीसदी वोटिंग हुई थी। हालांकि ममता ने 23 मार्च को होने वाले पश्चिम बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशियों को उतारने की नीति से समझौता नहीं किया। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के पास 34 विधायक हैं, जबकि सीपीएम के पास 29 विधायक हैं। राज्यसभा की एक सीट के लिए 49 विधायकों के आंकड़े से दोनों ही पार्टियां काफी नीचे हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की संख्या 212 है।