देश featured धर्म

जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त

जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त

दीपावली का त्यौहार इस वर्ष 7 नवम्बर 2018 को है। यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या होने के बावजूद भी हिन्दू धर्म के रोशनी के पर्व यानी कि ‘दीपावली’ से पूरा भारत जगमगाता उठता है। पुराणों के अनुसार उस दिन से यह त्यौहार मनाया जा रहा है जब श्रीराम लंका नरेश रावण को पराजित कर और अपने वनवास की पूरा कर अयोध्या वापस पहुंचे थे। उस दिन अयोध्यावासियों ने कार्तिक की अमावस्या की रात अपने-अपने घरों में घी के दीपक जलाकर खुशियां मनायीं थी।

 

जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त
जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्तजानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त

इसे भी पढ़ेःअगस्त में मचेगी व्रत और त्यौहारों की धूम, आप भी जाने लिस्ट

आपको बता दें कि दीपावली पर विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन करने की परंपरा है। मां लक्ष्मी के पूजन के अलावा गणेश पूजन, कुबेर पूजन और बही-खाता पूजन भी किया जाता है।दिवाली पर उपासक को अपने शक्ति के अनुसार व्रत करना चाहिए। उपासक या तो निर्जल रहकर या फलों का आहर कर व्रत रख सकते हैं।

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा कि विधि

दीपावली पर मुख्य रूप से लक्ष्मी पूजन करने की परंपरा है। मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश पूजन,कुबेर पूजन और बही-खाता पूजन होता है। सर्वप्रथम मां लक्ष्मी और गणेशजी की प्रतिमाओं को चौकी पर रखें। गौरतलब है कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर रहें और लक्ष्मीजी की प्रतिमा गणेशजी के दाहिनी ओर होनी चाहिए। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर उसे कलश पर रखें।बता दें कि कलश वरुण का प्रतीक होता है। पूजा करते वक्त याद रकें कि घी का दीपक गणेश जी और तेल का दीपक लक्ष्मी जी के सामने रहे।

 

जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त
जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त..

 

इसे भी पढ़ेःसुहागिनों का त्यौहार करवाचौथ 8 अक्टूबर को जाने महूर्त और कथा

लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाओं से सुसज्जित चौकी के समक्ष एक और चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। उस लाल वस्त्र पर चावल से नवग्रह बनाएं।घर में पूजन करते समय नवग्रह ना रखें। रोली से स्वास्तिक एवं ॐ का चिह्न भी बनाएं। पूजा करने हेतु उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। इसके बाद केवल प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा करें। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान भी करें।लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करें-

लक्ष्मी मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:

इस पूजन को प्रदोष काल में ही करना चाहिए जो कि संध्याकाळ के बाद आरंभ होगा। और इसमें भी स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है। स्थिर लग्न में पूजन कार्य करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता हैं। द्रव्य लक्ष्मी जी का

वाले दिन ही कुबेर जी के साथ करना चाहिए। द्रव्य लक्ष्मी पूजन धनतेरस पर राहुकाल में या सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए।

दिवाली पूजन का मुहूर्त

दिवाली पूजन के लिए पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। इस दिन किसी भी समय पूजन कर सकते हैं लेकिन प्रदोष काल से लेकर निशाकाल तक समय शुभ होता है। जो इस दिन बही बसना पूजन करने हैं उनको ही राहु काल का विचार करना चाहिए। जो लोग सिर्फ गणेश लक्ष्मी जी का पूजन करें उनको विचार नहीं करना चाहिए। क्योंकि अमावस्या तिथि पर राहु काल का दोष नहीं होता है।अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 6 नवम्बर 2018 रात 10 बजकर 3 मिनट से है। अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 7 नवम्बर 2018 रात 9 बजकर 32 मिनट पर।

शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त- शाम 17:57 से 19:53 तक।
प्रदोष काल- शाम 17:27 बजे से 20:06 बजे तक।
वृषभ काल-17:57 बजे से 19:53 बजे से तक।

उक्त को ध्यान में रखकर करे पूजा लक्ष्मी घर में वास करेगी।

महेश कुमार यादव

Related posts

सत्ता को बरकरार रखने के लिए गुजरात जाएंगे, योगी, मोदी और सुषमा

Rani Naqvi

आत्मनिर्भर भारत पर जोर:  पीएम मोदी बोले- देश को सबसे बड़ी मिलिट्री पावर बनाने का लक्ष्य

Saurabh

जानिए कैसे रहने वाला है आपका 18 सितंबर 2021 दिन, कन्या और मकर राशि वालों को हो सकती है धन की हानि

Neetu Rajbhar