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जानिए रामायण से जुड़े 6 अनसुने रहस्य, जो अब तक किसी को नहीं पता

1834a149 4c37 4173 81fc f193f28002e2 जानिए रामायण से जुड़े 6 अनसुने रहस्य, जो अब तक किसी को नहीं पता

हिंदू धर्म में रामायण एक प्रचीन ग्रंथ है। मूल रामायण की रचना ऋषि वाल्मीकि ने की थी। हालांकि अन्य संतो और वेद पंडितों द्वारा भी प्राचीन ग्रंथ की रचना अलग-अलग भाषाओं में की गई है। ऋषि वाल्मीकि ने रामायण की रचना संस्कृत में की थी। जबकि घरों में पढ़ी जाने वाली रामायण के रचियता तुलसीदास जी हैं। संत एकनााि ने भी रामायण लिखी है। लेकिन सबकी मूल रेखा एक ही है। विद्वानों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रामायण की घटना 4वीं या 5वीं शताब्दी ई.पू. की है। रामायण के कई ऐसेे रहस्य है जिन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं।

1. राजा दशरथ के चार पुत्रोें के अलावा एक पुत्री थी-
भगवान राम और उनके भाईयों के बारे में सभी जानते है, लेकिन उनकी बड़ी बहन के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। उनकी बहन का नाम शांता थां वे आयु में चारों भाईयों से बड़ी थी। उनकी माता कौशल्या थीं। ऐसा माना जाता है कि एक बार अंगदेेश के राजा रोमपद और उनकी पत्नी रानी वर्षिणी अयोध्या आए। उनको कोई संतान नहीं थी। जब यह बात राजा दशरथ को पता चली तो उन्होंने अपनी बेटी शांता को उन्हें दे दिया। जिसके बाद दोनों बहुत खुश हुए और उसका पालन-पोषण अच्छी तरह से करने लगे। जिसके बाद राजा नेे शांता का विवाह ऋष्यशृंग ऋषि से करवाया। बाद में ऋष्यशृंग ने ही दशरथ की पुत्र कामना के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया। जहां यह यज्ञ कराया गया था वह स्थान अयोध्या से लगभग 39 किमी. पूर्व में था। जहां आज भी उनका आश्रम और उनकी तथा उनकी पत्नी की समाधियां हैं।

2. राम विष्णु के अवतार थे तो अन्य किसका अवतार थे-
राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। वहीं लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार कहा जाता है जो क्षीरसागर में भगवान विष्णु का आसन है। जबकि भरत और शत्रुघ्न को क्रमशः भगवान विष्णु द्वारा हाथों में धारण किए गए सुदर्शन-चक्र और शंख-शैल का अवतार माना जाता है।

3. सीता स्वयंवर में प्रयुक्त भगवान शिव के धनुष का क्या नाम था-
अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि राम और सीता के स्वयंवर में किस धनुष का प्रयोग किया गया था। जिस पर सभी राजकुमारों को प्रत्यंचा चढ़ाना था। तो जानकारी के लिए बता दें कि इस धनुष का नाम पिनाक था।

4. लक्ष्मण को गुदाकेश के नाम से क्यों जाना जाता है-
ऐसा माना जाता है कि वनवास के 14 वर्षों के दौरान अपने भाई और भाभी की रक्षा करने के उद्देश्य से लक्ष्मण कभी सोते नहीं थे। इसके कारण उन्हें गुदाकेश के नाम से भी जाना जाता है। वनवास की पहली रात निंद्रा देवी उनके सामने प्रकट हुई उस समय लक्ष्मण ने निद्रा देवी से 14 वर्षों तक न सोने का वरदान मांगा। निंद्रा देवी ने कहा कि अगर तुम्ीारी जगह कोई 14 वर्षों तक सोता रहे तो तुम्हें ये वरदान प्राप्त हो सकता है। तो लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला ने 14 वर्षों तक सोना स्वीकार कर लिया।

5. रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है-
गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते हैं और वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोेक हैं। रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है। यह मंत्र इस पवित्र महाकाव्य का सार है। गायत्री मंत्र को सर्वप्रथम ऋग्वेद में उल्लिखित किया गया है।

6. उस जंगल का नाम जहां राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान रूके थे-
अधिकांश लोगों को पता है कि राम, लक्ष्मण और सीता ने 14 साल वन में बिताए थे। लेकिन कुछ ही लोगों को उस वन के नाम की जानकारी होगी। तो आज हम बताते है कि उस वन का नाम दंडकारण्य था। यह वन लगभग 35,600 वर्ग मील तक फैला हुआ था। जिसमें वर्तमान के छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आन्द्रप्रदेश शामिल हैं। उस समय यह भंयकर राक्षसों का घर माना जाता था। जहां दंड का अर्थ सजा देना और अरण्य का अर्थ वन है। इसलिए इसे दंडकारण्य कहा जाता था।

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