लखनऊ: कांग्रेस और भाजपा दोनों अलग विचारधारा की राजनीतिक पार्टियां हैं। वर्तमान में भाजपा अपने राजनीतिक सफर की ऊंचाइयों पर है, वहीं कांग्रेस पार्टी जमीन तलाश रही है। इसी में कई नेता अपना दल भी बदलते रहते हैं, इसी क्रम में जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
जितिन प्रसाद से पहले भी आए कई नेता
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में होने वाले हैं, इसके पहले ही कांग्रेस और भाजपा से दल बदल का कार्यक्रम शुरू हो गया है। पिछले वर्षों में भी ऐसा ही देखा गया था, नई पार्टी में उम्मीद दिखने के बाद पुरानी पार्टी बेगानी हो जाती है। इसी का उदाहरण पेश करते हुए जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इसी तरह मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी खींचतान देखने को मिली थी। तब राजस्थान में मामला संभल गया और सचिन पायलट पार्टी से जुड़े रहे। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत जारी रखी और भाजपा से हाथ मिला लिया।
रीता बहुगुणा जोशी
2017 में कांग्रेस छोड़कर रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा का हाथ थाम लिया था। वह इलाहाबाद से लोकसभा सांसद हैं, लखनऊ जैसे क्षेत्र में उनकी बड़ी पकड़ मानी जाती थी। अब बीजेपी में आने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद सौंपा गया था, फिर वह लोकसभा सांसद बन गईं। बता दें कि 24 सालों तक रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस पार्टी की थी, इसके बाद 2017 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली।
अमेठी के संजय सिंह और पत्नी
अमेठी में कांग्रेस पार्टी एक समय पर बहुत मजबूत हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे उनका जनाधार कमजोर होता गया। 2019 में राहुल गांधी लोकसभा चुनाव यहां से हार गए। इसी उठापटक के बीच कांग्रेस के पुराने दोस्त रहे संजय सिंह और उनकी पत्नी अमिता सिंह ने भी भाजपा ज्वाइन कर लिया।
पूर्व विदेश मंत्री की बेटी राजकुमारी रत्ना सिंह
2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम एक बार फिर बीजेपी के लिए अच्छा रहा। इसके बाद पूर्व विदेश मंत्री दिनेश कुमार सिंह की बेटी राजकुमारी रत्ना सिंह ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया। बता दें कि कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए प्रतापगढ़ से तीन बार विधायक रह चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल
यूपी की राजनीति में एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाये गए जगदंबिका पाल ने भी 2014 में बीजेपी से नाता जोड़ लिया। वह कांग्रेस के बड़े नेताओं में से थे, लेकिन पार्टी के अंदर उनकी अनदेखी ने साथ छोड़ने पर विवश कर दिया। वह डुमरियागंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं।
आने वाले दिनों में और संभावनाएं
कांग्रेस से भाजपा में जाने वालों की लिस्ट काफी लंबी है, आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। मौजूदा परिवेश को देखते हुए कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में इतनी मजबूत नहीं दिखाई दे रही है। आने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। ऐसे में कई कांग्रेसी नेता अपना दल बदल सकते हैं।