जयपुर। प्रदेश में अब राजा-महाराजाओं के इतिहास को लेकर पुस्तकों पर विवाद छिड़ता जा रहा है। फिल्म पद्मावती का विरोध थमा भी नहीं था कि अब रानी लक्ष्मीबाई को लेकर उठे विवाद ने शिक्षा विभाग की परेशानियां बढ़ा दी है। इस संबंध मे शिक्षा विभाग बच्चों को पढ़ाए जाने वाले इतिहास के परीक्षण की तैयारी में है हांलाकि इतने सालों बाद इस तरह की कवायद किस कारण से हो रही है। इसके समय को लेकर भी विपक्षी दल सरकार पर हमला बोल रहे हैं।
बता दें कि दस साल पहले लिखी यूके बेस्ड लेखिका जयश्री मिश्रा की पुस्तक रानी लक्ष्मीबाई पर विवाद छिड़ गया है। इस किताब में रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के तत्कालीन पॉलिटिकल एजेन्ट रॉबर्ट एलिस के बीच प्रेम प्रसंगों का जिक्र किया गया है। लेखिका ने किताब की प्रस्तावना में ही लिखा है कि यह ऐतिहासिक फिक्शन और प्रेम कथा है, जिससे भारतीय भावनाएं आहत होंगी।
साथ ही पुस्तक में यहां तक लिखा है कि झांसी की रानी के साथ मित्रता पर रॉबर्ट एलिस की शिकायत कलकत्ता स्थित ईस्ट इंडिया कंपनी के हेडक्वार्टर तक हुई।
उस समय लार्ड डलहौजी नए गर्वनर जनरल बनकर आए थे। अंग्रेज अफसरों ने रॉबर्ट एलिस को इस मित्रता के लिए फटकारा जिसके बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा था। बुक में हवाला दिया गया है कि इसके बाद रानी लक्ष्मीबाई काफी दुखी हो गई थी हालांकि फिल्म पद्यावती के बाद यह किताब और इसके अंश सोशल साइट्स पर खूब वायरल हो रहे हैं।
वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस ने इन विरोधों के टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा कर रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है लेकिन जिस तरह से गुजरात चुनाव के समय इन विवादों को तुल बीजेपी दे रही है उससे सवाल उठना लाजिमी है।