लव जिहाद || हिंदू धर्म खतरे में है। मुसलमान लड़के साजिश कर रहे हैं। हिंदू लड़कियों को शादी का झांसा देकर हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। यानी लव जिहाद कर रहे हैं। कुछ ऐसी ही दलीलें अक्सर यूपी सरकार की ओर से सुनाई देती है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शुरुआत से ही लव जिहाद को लेकर सख्त कानून बनाने के पक्ष में रही है और आखिरकार नवंबर 2020 में योगी सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने में सफल भी रही है। इसके बाद जहां एक और कट्टर हिंदू धर्म के लोगों ने योगी सरकार के लव जिहाद कानून की तारीफ की बल्कि योगी सरकार को हिंदू धर्म का संरक्षक भी कहा जाने लगा है।
ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर इस एक साल में उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के मामलों में कितनी कमी आई? और कितने लोगों को लव जिहाद कानून के तहत सजा मिली है? या लव जिहाद कानून केवल कागजों तक सीमित रह गया?
ताजा आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में बीते 1 साल के दौरान कुल 108 लव जिहाद के मामले सामने आए हैं जिनमें से 189 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें से एक को भी अभी तक सजा नहीं मिली है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से धर्मांतरण को रोकने के लिए लव जिहाद कानून के तहत जिला स्तर की बात करें तो बरेली जिले से सबसे अधिक लव जिहाद के 28 मामले सामने आए हैं। इसके बाद मेरठ से 25 मामले, वही पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लव जिहाद को लेकर बने नए कानून के तहत अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है।
वही इस पूरे 1 साल में यूपी पुलिस लव जिहाद कानून के तहत दर्ज मामलों को लेकर किसी पर भी आरोप सिद्ध नहीं कर सकी है ऐसे में समस्या यह खड़ी हो रही है कि दो प्यार करने वाले व्यक्तियों व उनका सपोर्ट करने वाले लोगों को बिना किसी गलती के अभी तक सजा काटनी पड़ रही थी। जिसे कट्टरपंथी हिंदू और मुसलमान लोग लव जिहाद का नाम दे रहे हैं।
कानूनी लड़ाई के साथ इन लोगों को हिंदू धर्म के ठेकेदारों कट्टरपंथियों से भी लड़ाई लड़नी पड़ती है अक्सर मामला सामने आता है कि लव जिहाद के चक्कर में किसी को कोर्ट तक घसीट के लाया गया है तो किसी को प्रताड़ित किया जा रहा है सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुलिस ऐसे मामलों में एक मूर्ख दर्शक बनकर देखती रहती है।
गौरतलब है कि यूपी में कथित तौर पर लव जिहाद पर कानून बनने के बाद कई अन्य राज्यों ने भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया गया है।