लखनऊ: यूपी के कानून मंत्री द्वारा अभी कुछ घंटों लिखी चिट्ठी का असर हुआ है। यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक की लिखे पत्र का असर हुआ है। इस मामले में योगी सरकार ने जवाब तलब किया है और स्वास्थ्य महानिदेशालय से रिपोर्ट मांगी है।
अपर मुख्य सचिव ने मांगा जवाब
सीएम योगी के मामले पर रिपोर्ट तलब करने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जवाब मांगा है।
दो अखबारों का किया जिक्र
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने जवाब मांगते हुए दो अखबारों का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में उन्हें अवगत कराया गया है कि राजधानी लखनऊ और यूपी के विभिन्न जिलों में कोरोना को लेकर विभिन्न अस्पतालों में लापरवाही बरती जा रही है।
उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने कहा है कि कोरोना की जांच कराने के बाद भी चार चार दिन तक रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। इसी के साथ विभिन्न अस्पताल इसका फायदा उठा रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इसमें लिप्त हैं।
क्यों नहीं शुरू हुए कोविड अस्पताल?
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पूछा है कि कोरोना के केस इतनी तेजी से बढ़ने के बावजूद भी अभी तक क्यों नहीं बड़े पैमाने पर कोविड अस्पताल शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले पर तुरंत ही जवाब उपलब्ध कराएं।
कानून मंत्री ने लिखा था पत्र
बता दें कि मंगलवार को ही यूपी के कानून मंत्री ने एक पत्र सार्वजनिक किया था। इस पत्र में उन्होंने कोविड 19 के दौर में जनता को हो रही परेशानियों पर प्रकाश डाला था। उन्होंने इसके लिए उच्च अधिकारियों से खराब स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जताई थी।
उनके पत्र सार्वजनिक करते ही विपक्ष को योगी सरकार को घेरने का एक नया हथियार मिल गया था। वहीं योगी सरकार ने फौरन इस मामले पर जांच बैठाते हुए रिपोर्ट तलब कर दी है।