देहरादून: उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत एक्शन में आ चुके हैं। सीएम ने दीवालीखाल में घटित घटना के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि नंद प्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही की चुकी थी। सीएम ने कहा कि कुछ लोग अराजकत्ता पैदा करना चाहते हैं। और लोग को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
सीएण ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण में कहा कि चमोली जिले के गैरसैंण के पास दिवालीखाल में घाट विकासखंड के लोगों द्वारा सड़क चैड़ीकरण को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों और पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने कहा, गैरसैण के समीप दीवालीखाल में घाट ब्लॉक के लोगों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसको गंभीरता से लिया गया है।सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं, दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
लोगों को किया जा रहा गुमराह- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर जिन पर ट्रैफिक कम है, उनको डेढ़ लेन से जोड़ने और अधिक ट्रैफिक वाले जनपदों को डबल लेन से जोड़ने की घोषणा पिछले माह अल्मोड़ा में की गई थी। चमोली जनपद भ्रमण के दौरान भी यह बात कही गई थी, लेकिन कुछ लोग अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं और भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला ?
आपको बता दें कि चमोली जिले में 19 किलोमीटर लंबे नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों की विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई। विधानसभा तक जाने पर अड़े ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान लोगों ने पथराव पर कर दिया। जिसमें एक वाहन के शीशे टूट गए। हालत पर काबू पाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। लेकिन जब हालत काबू में नहीं आए तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में एक महिला सहित तीन लोगों को चोट आई थी। हालांकि अब मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।