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इनकम टैक्स रिर्टन भरने की तारीख भूले तो पड़ सकता है जेब पर भारी असर

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नई दिल्ली। टैक्सपेयर्स को आईटीआर दाखिल करने के लिए आखिरी तारीख को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। निर्धारित समय पर आईटीआर नहीं भरने पर जुर्माना भी भरना पड़ेगा। इतना ही नही साल में मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए नियत तारीख को या उससे पहले आईटीआर दाखिल कराना महत्वपूर्ण है। इनकम टैक्स विभाग ने वित वर्ष 2019-20 या मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए व्यक्तिगत इनकम टैक्स रिर्टन (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। यह दूसरी बार है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने मूल्यांकन वर्ष 2020-21 की अंतिम तिथी को बढ़या गया हो।

आईटीआर देर से भरने पर लगेगा इतना जुर्माना-

एक वित्तीय वर्ष के लिए ITR प्रत्येक वर्ष के लिए निर्धारित देय तिथि के भीतर दर्ज किया जाना चाहिए, जिसमें यह ब्याज लगाया जाएगा। वित्त वर्ष 2017-18 से धारा 234A के तहत लेट फाइलिंग फी, टैक्सपेयर को लेट आईटीआर पर हर महीने 1% की दर से ब्याज लगाया जाएगा। 2017-18 से लेट फाइलिंग फी लागू है। अगर ITR निर्धारित तारीख के बाद दायर किया जाता है जो जुर्माना भरना पड़ेगा। जो वर्तमान आकलन वर्ष 2019-20 के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2020 है। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 234F के तहत आखिरी तारीख के बाद आईटीआर दाखिल करने के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए है। हालांकि, छोटे टैक्सपेयर्स के लिए एक राहत दी गई है। अगर उनकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो आईटीआर दाखिल करने के लिए आखिरी तारीख के बाद फाइल करने पर जुर्माना 1000 रुपए है।

टैक्सपेयर्स को छोड़नी पड़ेगी कटौती और छूट-

जुर्माने के अलावा, टैक्सपेयर्स को उस वर्ष के लिए कटौती और छूट को छोड़ना होगा। जिन टैक्सपेयर्स को अंतरराष्ट्रीय/विनिर्दिष्ट घरेलू लेन-देन की सूचना भरने की जरूरत है, उनके लिये ये रिपोर्ट जमा कराने का समय 31 जनवरी 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सीबीडीटी ने कहा कि अधिनियम के तहत विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तारीख, जिसमें अंतरराष्ट्रीय ऑडिट या विशिष्ट घरेलू लेनदेन के संबंध में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट आदि शामिल है, 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है। इन सब के साथ ही स्व-मूल्यांकन टैक्स के भुगतान के मामले में छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए भुगतान की नियत तारीखें बढ़ा दी गई हैं। सीबीडीटी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण टैक्सपेयर्स को हो रही दिक्कतों को देखते हुए इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए समयसीमा बढ़ा दी गई है।

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