नई दिल्ली। सरकार द्वारा सब कुछ प्राइवेट सेक्टरों में बेचने की प्रकिया बहुत दिन पहले ही शुरू हो चुकी है। सरकार ने बिजली, रेलवे से लेकर एयर इंडिया तक बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार का एयर इंडिया को बेचने का ये छठवां प्रयास है। 2018 में सरकार 76% शेयर बेचना चाहती थी, लेकिन कोई ख़रीदार नहीं मिला। इसके बाद सरकार ने एयर इंडिया के 100% शेयर बेचेने का फ़ैसला कर लिया। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आज अंतिम तारीख है। हर बार की तरह इस बार एयर इंडिया ने बिड की तारीख़ में एक्सटेंशन नहीं किया है। आज 14 दिसंबर की शाम 5 बजे तक कंपनियां बिड कर सकती हैं। हालांकि फिजिकल बिड जमा करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर है।
एयर एशिया एयरलाइन्स में टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी-
बता दें कि एयर इंडिया की तरफ से बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार ने एयर इंडिया के 100% शेयर बेचेने का फ़ैसला कर लिया है। इसके साथ ही एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आज अंतिम तारीख है। हालांकि फिजिकल बिड जमा करने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर है। यानी जो बिड आज तक ऑनलाइन जमा होगी, उसी को 29 दिसम्बर तक फिजिकली जमा करना होगा। आज जो बिड ऑन लाइन जमा नहीं हुई है, उसे आगे फिजिकली भी नहीं लिया जाएगा। अमेरिकी फंड एजेंसी- इंटरप्स इंक, एयर इंडिया के लिए बोली लगाएगी। इंटरप्स इंक के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है। इंटरप्स इंक के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद के मुताबिक इंटरप्स इंक ना केवल एयर इंडिया के लिए बोली लगाएगी, बल्कि ये बोली सबके लिए चौंकाने वाली भी होगी। सूत्रों के मुताबिक टाटा संस भी एयर एशिया एयरलाइन के जरिये एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकती है। एयर एशिया एयरलाइन्स में टाटा ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है। इंटरप्स इंक, टाटा संस के अलावा हिंदुजा ग्रुप ने भी एयर इंडिया में दिलचस्पी जताई है, लेकिन बोली लगाने को लेकर अब तक सामने नहीं आई है।
एयर इंडिया पर 2019 में 58,255 करोड़ रूपए का कर्ज था-
वहीं एयर इंडिया को बेचने का ये छठवां प्रयास है। 2018 में सरकार 76% शेयर बेचना चाहती थी। लेकिन कोई ख़रीदार नहीं मिला। इसके बाद सरकार ने एयर इंडिया के 100% शेयर बेचेने का फ़ैसला कर लिया। लेकिन अब तक एयर इंडिया पर लदे क़र्ज़ के कारण कोई ख़रीदार तैयार नहीं हुआ है। मार्च 2019 में एयर इंडिया पर 58,255 करोड़ रूपए का क़र्ज़ था। जिसमें से 29,464 करोड़ रूपए सरकारी संस्था एयर इंडिया ऐसेट्सहोल्डिंग कम्पनी लिमिटेड ( स्पेशल पर्पज़ वेहकिल) में ट्रांसफ़र कर दिया गया है।