लखनऊ। इलाहाबाद में छात्र की हुई हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते परिषद की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थागित कर दी गयी। विधान परिषद में सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने इलाहाबाद में एलएलबी के छात्र की हत्या का मामला उठाया। इसके बाद सपाइयों ने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया कि मुख्यमंत्री ने समाजवादियों को आतंकवादी कहा है। सपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
बता दें कि हंगामा बढ़ता देखकर सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्यवाही आधे घण्टे के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सपा के सदस्य सरकार से माफी मांगने के लिए अड़े रहे। इस दौरान कुछ सदस्यों ने सभापति के उपर कागज के गोले भी फेंके। सपा के वरिष्ठ नेता अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जब तक अपने बयान पर माफी नहीं मांगते तब तक सपा सदन नहीं चलने देगी। अहमद हसन ने इलाहाबाद की घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध चरम सीमा पर है। सरकार कानून व्यवस्था सुधारने की बजाय फर्जी एनकाउंटर करा रही है। पहली बार ऐसी सरकार आई है, जो डंडे के बल पर जनता की आवाज दबा रही है।
साथ ही विधानसभा के कुछ दूरी पर विधायक के लड़के की हत्या हो रही है। उस पर भी सरकार कुछ कर नहीं पा रही है। सपा ने मृतक छात्र के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मजबूती से जनता की आवाज को उठाने का काम कर रही है तो मुख्यमंत्री योगी समाजवादी आंदोलन की तुलना आतंकवदियों से कर रहे हैं। सपा सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने समाजवादी नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की, यह बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं मुख्यमंत्री को समाजवादियों का इतिहास नहीं मालूम है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग बताएं कि आजादी की लड़ाई में उनका क्या योगदान रहा है ? इस पर मंत्री मोहिसन रजा ने जवाब देते हुए कहा कि सपा की बुनियाद ही आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या से है। मोहसिन रजा ने कहा कि जिन सवालों को सपा ने उठाया है, सरकार उनका ही जवाब देने बैठी है। लेकिन ये लोग सदन में हंगामा कर सवाल जवाब से भाग रहे हैं।