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बार्डर पर चीन बढ़ा रहा सैन्य बल, क्या बोले एस जयशंकर

jaishanakra बार्डर पर चीन बढ़ा रहा सैन्य बल, क्या बोले एस जयशंकर
एस जसशंकर ने भारत से लेकर अमेरिका और फिर चीन के मुद्दे पर बेबाकी से रखी अपनी राय
एक मीडिया हाउस को दिये इंटरव्यू में उन्होंने चीन को अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों की याद दिलाई
  • संवाददाता || भारत खबर

लद्दाख के बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच एक बुरी खबर है चीन ने बॉर्डर पर सैनिकों की तादाद बढ़ानी शुरू कर दी है जिसको देखते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चिंता व्यक्त की है। हालांकि एस जयशंकर का मानना है कि कूटनीतिक और सैन्य माध्यम से चीन से बातचीत की जा रही है।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि उनके दृष्टिकोण से दो बातें अनिवार्य रूप से शामिल है। पहली यह कि जो 1993 से लेकर अब तक चीन के साथ समझौते हुए हैं उसमें यह तय हुआ था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्ष कम से कम सैन्य बल तैनात रखेंगे।

एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पर बड़ी संख्या में सैन्य बल तैनात करने के पीछे क्या मकसद है यह समझ से परे है लेकिन, अगर चीन सीमा पर शांति चाहता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय नियमों और सीमा पर किए गए समझौतों का ठीक तरह से पालन करना होगा।

एस जयशंकर ने कहा कि दूसरी बात यह है कि सीमा को लेकर धारणाओं में कुछ अंतर है, एकतरफा ढंग से अगर कोई चाहता है कि वह यथास्थिति को बदल देगा तो ऐसा संभव नहीं है। जो समझौते हुए हैं उनमें किसी भी तरह की छेड़खानी की जाएगी तो अशांति होगी, लेकिन हमारी प्राथमिकता शांति की तरफ पहले है।

विश्व में सभी देशों की अपनी महत्वकांक्षा है: एस जयशंकर

पूरे विश्व के अलग-अलग देश तरक्की की बुनियाद पर चल रहे हैं। अमेरिका ने पूरे देश में एक अलग तरक्की की है तो वहीं चीन ने भी पूरी दुनिया में अलग शक्ति संपन्नता हासिल की है। भारत की भी महत्वकांक्षा उससे अलग नहीं है अगर किसी को ऐसा लगता है कि भारत के बढ़ने से उसे खतरा है तो उसे बातचीत के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करना चाहिए। कौन सा देश सबसे ज्यादा स्थिति को समझ नहीं पा रहा है, इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि जब हम एक दूसरे को समझने की कोशिश करेंगे तभी कुछ निष्कर्ष निकलेगा, जबकि चीन एक तरफा अपनी बात मनवाना चाहता है जो कि असंभव है।

कोरोना को लेकर एस जयशंकर ने कहा कि बहुत सारे देशों ने राष्ट्रवादी नजरिया से अपने देश की नीतियों को मजबूत बनाया है और इसका विदेश नीतियों पर भी असर पड़ा है।  दो देशों के बीच में दरार पड़ने का एक कारण यह भी बना है।

चीन में पीएम मोदी की लोकप्रियता पर क्या बोले एस जयशंकर

हाल ही में चीन में हुए एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी को लोकप्रिय बताने के मामले में एस जयशंकर ने कहा कि, भारत का राष्ट्रवाद और भारत के प्रधानमंत्री की जनता के प्रति भावनाएं यह बताती है कि भारत दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहता है। उनकी परेशानियों में मददगार बनना चाहता है और कोरना के बाद हम भारतीय तकनीकी और यहां की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प बेहतर या जो बाइडन

अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं जो बाइडन या डोनाल्ड ट्रंप दोनों में से कौन सा राष्ट्रपति बेहतर होगा, इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा कि दोनों ही नेताओं का भारत के प्रति नजरिया सामान्य है। पिछले चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को देखें तो दो रिपब्लिकन और दो डेमोक्रेट के रहे लेकिन सभी एक दूसरे से बहुत अलग थे फिर भी भारत के साथ उनका नजरिया व रिश्ता बेहद अच्छा और सकारात्मक रहा है।

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