रांची। बीते बुधवार में बिहार की राजनीति में उठे तूफान का आज नीतीश कुमार और सुशील मोदी की शपथ ग्रहण के साथ पटाक्षेप हो गया। लेकिन विरोधियों के स्वर अब और तेज हो गये हैं। पहले तो कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने नीतीश कुमार को धोखेबाज करार दिया। उसके बाद रांची में भ्रष्टाचार के एक मामले में पेशी पर आये राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पत्रकारों के बीच पहुंच कर एक बार फिर से भाजपा और नीतीश कुमार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।
लालू ने पहले अपनी बात की शुरूआत करते हुए भाजपा और संघ को कोसना शुरू किया। उन्होने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने मिलकर देश में केवल सांप्रदायिकता फैलाई है। आरएसएस गांधी जी की हत्यारी है। आज नीतीश कुमार इन्हीं हत्यारों के साथ जाकर खड़े हो गये हैं। मोदी ने देश के लोगों से लोकसभा चुनाव के समय कई झूठ बोला था। मोदी ने कहा था कि हम कालाधन लायेंगे लेकिन आज तक कोई धन नहीं लेकर आये। विकास के नाम पर बिहार को केन्द्र सरकार ने 3 साल में कोई ढेला तक नहीं दिया है। अब नीतीश कुमार विकास के लिए भाजपा के साथ गये हैं।
मोदी ने ही नीतीश कुमार के लाखों दोष निकाला था। नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता को बेवकूफ बनाया है। नीतीश कुमार अवसरवादी नेता है। क्योंकि नीतीश कुमार ने साफ कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन मोदी से कभी हाथ नहीं मिलाऊंगा और आज उसी मोदी से हाथ मिला लिया है। नीतीश कुमार नकली इमेज बनाकर देश में प्रचार फैला रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है वो बेदाग है उनका चरित्र अच्छा है। जबकि वो खुद भ्रष्टाचार से भी गम्भीर आरोप में आरोपी हैं। उनके ऊपर हत्या का मुकदमा चल रहा है।
नीतीश कुमार बार-बार बिहार में शराबबंदी का ढोंग रचते हैं। लेकिन बिहार में शराब की होम डिलीवरी की जा रही है। नीतीश कुमार ने बीजेपी और आरएसएस के साथ मिलकर मेरे ऊपर छापे पड़वाए और केस दर्ज कराया है। नीतीश कुमार ने सुशील मोदी का चेहरा लगाकर हमारे साथ विश्वासघात किया है। नीतीश कुमार ने कुर्सी के लालच में बिहार की जनता के पीठ में छुरा भोंका है। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का बहाना बनाकर इस्तीफा दिया है। जबकि 6 महीने से वो इस काम में लगे हुए थे। तेजस्वी का तो बहाना था नीतीश को बीजेपी में जाना था।