पटना। श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश पर्व पर भव्य आयोजन पटना के गांधी मैदान पर जोरों शोरों से शुरू हुआ। जिसमें गुरू के दरबार में दुनिया भर के सिख श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं का गुरूवार को यहां तांता यहां लगा रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन और श्रद्धालुओं के प्रति उनका उद्गार अविस्मरणीय रहा, लेकिन शराबबंदी पर नीतीश कुमार की मुक्तकंठ प्रशंसा ने मीडिया गैलरी में खलबली मचा दी । प्रकाशपर्व का आयोजन ‘सत्तापर्व’ में तब्दील होने लगा। पीएम की प्रशंसा के गुढ़ रहस्य तलाशे जाने लगे। किसी ने कहा कि नोटबंदी के समर्थन की ‘कीमत’ प्रधानमंत्री शराबबंदी पर नीतीश के समर्थन से चुका रहे हैं। इसपर सबके अपने-अपने तर्क थे।
कोई सत्ता के समीकरण के सूत्र तलाश रहा था, तो कोई भाजपा-जदयू की दूरी मिटने का दावा कर रहा था। लेकिन लालू यादव ने मीडिया के कयासों की हवा निकाल दी। लंगर के बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि आप लोग छानिएगा जलेबी और निकलेगी पकौड़ी। लंगर के बाद वीआइपी लाउंज से बाहर निकलते ही लालू यादव को मीडिया वालों ने घेर लिया । लालू यादव ने आयोजन पर अपनी राय समाप्त ही की थी कि पीएम द्वारा नीतीश की तारीफ पर मीडिया वालों ने सवाल पूछा। इस पर लालू यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के मुखिया हैं और महागठबंधन के मुख्यमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने आयोजन के लिए पूरे सरकार की सराहना की है। क्या प्रधानमंत्री अलग-अगल व्यक्ति का नाम लेकर संबोधन करेंगे। भाजपा और नीतीश के बीच नजदीकी बढ़ने की संभावना से जुड़े सवाल पर लालू ने कहा कि छानिएगा जलेबी और निकलेगी पकौड़ी।
प्रधानमंत्री के साथ लंगर में शामिल हुए लालू
प्रधानमंत्री के लिए वीवीआईपी जोन में लंगर की व्यवस्था थी। उसमें पीएम के साथ राज्यपाल रामनाथ कोविंद, बिहार और पंजाब के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और रविशंकर प्रसाद मौजूद थे। वीआईपी जोन में भी लंगर की व्यवस्था थी। पहले लालू यादव उसी लाउंज में गये। इस दौरान उन्हें वीवीआईपी जोन के लिए बुलावा आया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप भी गये।बिहार के अन्य वरिष्ठ नेता वीआइपी लाउंज में ही लंगर में शामिल हुए।
प्रकाश पर्व पर सत्ता का ‘उजाला’ तलाशते रहे भाजपाई
प्रधानमंत्री द्वारा नीतीश कुमार की तारीफ के बाद भाजपा खेमे में उत्साह बढ़ गया था। उन्हें 17 वर्षों की दोस्ती याद आने लगी थी। पीएम के संबोधन के बाद मीडिया वाले भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया जानने में जुट गये। सभी नेताओं के सुर लगभग एक समान ही थे कि राजनीति में संभावनाओं का अंत नहीं है। घुमा-फिरा कर यही बता रहे थे कि ‘नीतीश की पालकी’ ढोने से उन्हें परहेज नहीं है। दरअसल, पीएम से नीतीश की हर मुलाकात भाजपा खेमे को आह्लादित कर देती है और वे ‘सत्ता का उजाला’ तलाशने लगते हैं।
रामकृपाल का उमड़ा लालू प्रेम
रामकृपाल यादव भाजपा में जाकर भले ही केंद्र में मंत्री बन गये हों, लेकिन उनका लालू प्रेम अभी खत्म नहीं हुआ है। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वीवीआईपी गैलरी से बाहर निकलते समय लालू यादव को देखने और हाथ मिलाने के लिए सिख श्रद्धालुओं का उत्साह चरम था। वे सुरक्षा घेरे को भी तोड़ने की स्थिति में थे।लालू यादव से पहले रामकृपाल बाहर निकल रहे थे। लालू यादव पर बढ़ते दबाव को भांप कर रामकृपाल यादव खुद श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में जुट गए और पूरा गलियारा रामकृपाल यादव, लालू यादव के ‘हनुमान’ की भूमिका का निर्वाह करते दिखे।
मुख्य सचिव व डीजीपी भी रहे मौजूद
समारोह में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और डीजीपी पीके ठाकुर समेत कई विभागों के वरीय अधिकारी और वरीय पुलिस पदाधिकारी पूरी व्यवस्था पर नजर रख रहे थे। व्यवस्था में चूक की कहीं कोई गुंजाईश नहीं। सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था। एसपीजी की निगरानी में पूरी सुरक्षा व्यवस्था थी और राज्य प्रशासन उनका सहयोग कर रहा था। प्रधानमंत्री के काफिले का प्रवेश गेट नंबर एक से था, जबकि अन्य वीआइपी और मीडियाकर्मियों के लिए गेट नंबर दो से प्रवेश की अनुमति थी। दो नंबर गेट से जाने वालों के लिए मुख्य मंच के आसपास बैठने की व्यवस्था थी।
वीआईपी लोगों का जमावड़ा
दरबार में पहुंचे वीआईपी लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव व जीतनरा मांझी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, आरके सिन्हा, सीपी ठाकुर समेत राज्य सरकार के मंत्री और विधायक मौजूद थे। इस दौरान पंजाब सरकार के कई मंत्री और पदाधिकारी भी मौजूद थे।