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लालकृष्ण आडवाणी की बेटी के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस की हो सकती है बल्ले-बल्ले

09 49 लालकृष्ण आडवाणी की बेटी के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस की हो सकती है बल्ले-बल्ले

नई दिल्ली। कभी देश के उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक रहें दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की पुत्री प्रतिभा आडवाणी अब कांग्रेस का रुख कर सकतीं हैं। यह भी चर्चा है कि प्रतिभा अपने पिता की परंपरागत सीट गांधीनगर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं। इस मामले को लेकर उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत भी चल रही है। सूत्रों की मानें तो गुजरात कांग्रेस के नेताओं और प्रतिभा के बीच पहले दौर की चर्चा हो गई है।

 

09 49 लालकृष्ण आडवाणी की बेटी के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस की हो सकती है बल्ले-बल्ले

 

बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी की दो संतान हैं. पुत्र जयंत आडवाणी और पुत्री प्रतिभा आडवाणी। जयंत मीडिया के कैमरे से दूरी बना कर रखते हैं। वहीं प्रतिभा पिता के सियासी सफर में सारथी की भूमिका में रहीं है। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब लालकृष्ण आडवाणी को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया तब प्रतिभा ने भी अपने पिता के लिए खूब पसीना बहाया था। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस को अप्रत्याशित जीत मिल गई थी लेकिन प्रतिभा की मेहनत की सबसे तारीफ की थी।

वहीं जिस दौर में भाजपा नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा बन रही है, वो समय आडवाणी के लिए सबसे पीड़ादायक था। जिस तरह से ये दोनों मिलकर उन्हें लगातार अपमानित करने का काम कर रहे थें, वो आडवाणी के लिए बर्दाश्त से बाहर थें। तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी इस साजिश में शामिल थें। आपको याद होगा, कैसे 2013 में भाजपा के गोवा अधिवेशन में आडवाणी की आंखों से आंसू निकल गए थें, प्रतिभा ने हीं पिता को संभाला था।

साथ ही प्रतिभा आडवाणी को लेकर गांधीनगर लोकसभा सीट पर जबर्दस्त आकर्षण है। पेशे से डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता और पत्रकार प्रतिभा अपने पिता के साथ रोड शो करती हैं। कार्यकर्ताओं और समर्थकों से सीधा संवाद रखती हैं। मतदाताओं का कोई काम न रुक जाए, इसका पूरा ख्याल रखती हैं। वहीं गुजरात सरकार जान बूझकर गांधीनगर की परियोजनाओं में रोड़े अटकाती है ताकी आडवाणी को चुनाव में मुश्किल हो जाए।

वहीं प्रतिभा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के षड़यंत्रकारी स्वभाव से भलीभांती परिचित हैं। वह जानती हैं कि भाजपा उन्हें टिकट देकर भी इस सीट पर उन्हें हराने के लिए काम करेगी, इससे बेहतर है कि वो कांग्रेस की ओर रुख करें और 2019 के संसदीय चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पिता की इस सीट से चुनाव लड़कर अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश करें।

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