featured देश

अप्रैल से बदलेंगे आपकी सैलरी से जुड़े ये नियम, ध्‍यान से पढ़िए पूरी खबर

लखनऊ: मेडिकल छात्रों ने वेतन को लेकर दिया धरना, पढ़ें पूरी खबर

नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार देश के सबसे व्यापक श्रम सुधारों को अप्रैल माह में नोटिफाई कर सकती है। इसका प्रभाव प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले छोटे-बड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में बढ़े रसोई गैस के दाम, अब चुकानी होगी इतनी कीमत  

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार कल्याण मंत्रालय ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड बनाए हैं, जिनमें वेज और सोशल सिक्योरिटी के कोड भी शामिल हैं। इन नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्‍हें सरकार अप्रैल, 2021 में नोटिफाई कर सकती है। ये नया वेज रूल यानी वेतनमान नियम आने के बाद सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। नए नियम के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं।

बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर

नया वेज रूल आने के बाद सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। नए नियम लागू होने के बाद से कंपनियां कर्मचारियों के कंपेनसेशन पैकेज/कॉस्ट टू कंपनी (CTC) को रीस्ट्रक्चर करने के लिए प्रेरित होंगी। इसके मुताबिक, सभी भत्ते जैसे- यात्रा, घर का किराया और ओवरटाइम सीटीसी के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते हैं। यानी अप्रैल, 2021 से कुल सैलरी में बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी या फिर उससे ज्यादा रखना होगा।

वेतनमान की परिभाषा

‘कोड ऑन वेजेस 2019’ ने मजदूरी की परिभाषा को संशोधित किया है। अब इसमें मूल वेतन, महंगाई भत्ता और रिटेंशन पेमेंट शामिल होंगे। नए कोड्स में बेसिक पे, DA, रीटेनिंग और स्पेशल भत्तों को वेज में शामिल किया गया है। HRA, कनवेंस, बोनस, ओवरटाइम अलावेंस और कमीशंस को इससे बाहर रखा गया है। नए नियम के तहत तमाम भत्ते कुल सैलरी के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकते हैं। अगर यह 50 फीसदी से अधिक होते हैं तो ज्यादा राशि को वेज का हिस्सा माना जाएगा। जैसे- पहले ग्रेच्युटी की गणना मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी के हिसाब से होती थी लेकिन अब यह वेज के हिसाब से मिलेगी। इससे एम्पलॉयी की पे बढ़ सकती है और एम्पलॉयर का खर्च बढ़ जाएगा।

संसद में पारित किए गए थे चार श्रम कोड  

केंद्र सरकार ने संसद में मजदूरी, औद्योगिक संबंध, व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियों व सामाजिक सुरक्षा पर चार श्रम कोड पारित करवाए थे। इससे बड़ी संख्या में श्रम कानूनों में बदलाव लाया गया, जिनमें से कुछ स्वतंत्रता के पहले से लागू हैं।

Related posts

सीबीएसई 10वीं 12वीं की परीक्षाएं अब मार्च नहीं फरवरी में होंगी

Srishti vishwakarma

राहुल गांधी पर किसान यात्रा के दौरान आतंकी हमले का खतरा

bharatkhabar

…तो क्या योगी ने मान ली अपर्णा की REQUEST!

kumari ashu