नई दिल्ली। जैसा की हम सब को पता है नवरात्र शुरु हो गए है और यह तन, मन और आत्मा को स्वच्छ करने का मौका होता है। इस लिए इस समय में गेंहू नंही बल्की कुट्टू का आटा खाया जाता है। कुट्टू का आटा फल से बना होता है और यह पोष्टिक तत्वों से भरपूर है। कुट्टू के आटे में अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है और जिन लोगों को गेहूं के आटे से एलर्जी होती है उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प होता है।
कुट्टू के आटे में मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस से भरपूर होता है। इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट भी होता है जिससे कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर कम होता है। कुट्टू का आटा चबा पाना आसान नहीं होता इसलिए इसे बनाने से पहले इसको छह घंटो के लिए भिगो दिया जाता है और फिर इसे नरम बनाने के लिए पकाया जाता है। इस आटे में ग्लूटन नहीं होता इस वजह से इसे बांधने के लिए आलू का इस्तेमाल किया जाता है।
इस बात का ध्यान रखें की कुट्टू के आटे में बनी पूड़ियों को आप वनस्पति तेल में तले नहीं तो इस आटे के सारे पोष्क तत्व नष्ट हो जाएगें। बता दें की आप कुट्टू के आटे की इडली और समक के चावल से डोसा भी बना सकते है।
कुट्टू के आटे के फायदे
– कुट्टू के आटे में 75% जटिल कार्बोहाइड्रेट और 25% हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। इसमें अल्फा लाइनोलेनिक एसिड होता है, जो एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है साथ ही एलडीएल को कम करता है।
– कुट्टू का आटा गॉलब्लैडर में पथरी की परेशानी होने से बचाने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें अघुलनशील फायबर होता है और अमेरिकन जरनल ऑफ गेस्ट्रोएनट्रोलॉजी के अनुसार, 5% से ज्यादा घुलनशील फायबर लेने से गॉलब्लेडर की पथरी का खतरा 10% तक कम हो जाता है।
– यह आटा डायब्टिक पेशैंट्स के लिए काफी अच्छा होता है।
बता दें की कुट्टू के आटे में मिलावट की जा सकती है इसलिए इसे किसी विश्वसनीय स्त्रोत से ही खरीदना चाहिए।