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कुमार से उठा केजरीवाल का ‘विश्वास’, इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाने पर खड़ा हुआ विवाद

vish 1 कुमार से उठा केजरीवाल का 'विश्वास', इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाने पर खड़ा हुआ विवाद

आम आदमी पार्टी में मची खलबली थमने का नाम। आए दिन आम आदमी पार्टी में कुछ ना कुछ नया होता ही रहता है। जिस कारण वह आए दिन सुर्खियों में छाई रहती है। कभी सोशल मीडिया तो कभी पोस्टर के जरिए आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच भिडंत होती ही रहती है। वही इन दिनों आम आदमी पार्टी के नेता और लोगों में अपनी एक अच्छी छवि बनाने वाले कुमार विश्वास सुर्खियों का केंद्र बने हुए हैं। इस बार बड़े नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के छोटे स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कुमार विश्वास के खिलाफ मोर्चा खोला है। आम आदमी पार्टी के छोटे स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने पत्रों के जरिए कुमार विश्वास को अपने निशाने पर लिया है।

vish 1 कुमार से उठा केजरीवाल का 'विश्वास', इफ्तार पार्टी में नहीं बुलाने पर खड़ा हुआ विवाद

वही आम आदमी पार्टी में चल रहा विवाद का स्तर तो इस कदर बड़ा हो गया है कि अब खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्यी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के साथ दिल्ली की जनता में भी अच्छी छवि रखने वाले कुमार विश्वास एक दूसरे के सामने खड़े होते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में जहां यह विवाद सोशल मीडिया पर अत्यधिक देखने को मिलता था तो वही अब यह विवाद जमीन पर भी देखने को अक्सर मिलने लगा है। दरअसल केजरीवाल और कुमार विश्वास के बीच नया विवाद दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में कुमार विश्वास को नहीं बुलाने पर खड़ा हुआ है।

दिल्ली में सत्ता संभालने के बाद आम आदमी पार्टी ने अपनी तरफ से तीन बार इफ्तार पार्टी दे चुकी है। इस पार्टी में कुमार विश्वास को दो बार न्यौत जा चुका है लेकिन तीसरी बार इस पार्टी में कुमार विश्वास को आमंत्रित नहीं किया गया। शुक्रवार को केजरीवाल और कुमार के बीच विवाद का नमूना देखने को मिला। शुक्रवार को दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में कुमार विश्वास को बुलाया गया। जिसके बाद कुमार विश्वास ने कहा कि पार्टी में बुलाना दिल्ली सरकार का अधिकार है। उनका कहना है कि जंतर मंतर में शुरू होने वाले आंदोलन के बाद यह सवाल उठा था कि दिल्ली सरकार कुमार विश्वास को रोजा इफ्तार पार्टी में बुलाती है या नहीं। उनका कहना है कि यह सवाल बिल्कुल भी जरूरी नहीं है।विश्वास का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रही है तो वह दिल्ली के टैक्स के पैसों से कर रही है। सरकार के पास अधिकार है कि वह पार्टी में किसे बुलाए और किसे ना बुलाए।

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